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आईआईटी-बॉम्बे का छात्र हुआ ‘डिजिटल अरेस्ट’ ठगी का शिकार, गंवाए ₹7.29 लाख

आईआईटी-बॉम्बे का छात्र हुआ ‘डिजिटल अरेस्ट’ ठगी का शिकार, गंवाए ₹7.29 लाख

  • 25 वर्षीय छात्र को डिजिटल अरेस्‍ट कर साइबर अपराधियों ने 7.29 लाख रुपये हड़प लिए.
  • फर्जी पुलिस अधिकारी ने छात्र के ऊपर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाया.
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IIT-Bombay student becomes victim of ‘digital arrest’ fraud: मुंबई स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्था (आईआईटी-बंबई) के एक स्टूडेंट के साथ साइबर ठगों ने बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। जानकारी के मुताबिक़, साइबर ठगों ने IIT बॉम्बे के स्टूडेंट को डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाते हुए करीब ₹7.29 लाख की लूट की है। साइबर ठगों ने छात्र को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का कर्मचारी बताकर उसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर धमकाकर पैसे देने के लिए मजबूर किया था, जिसके बाद डर में छात्र ने करीब ₹7.29 लाख ठगों को दे डाला।

पुलिस मामला की जांच में जुटी

पीड़ित छात्र के बयानों के अनुसार, उसे किसी अंजान नंबर से कॉल लगाकर डिजिटल अरेस्ट किया गया था, आरोपियों ने वीडियो कॉल में पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी, फर्जी पुलिस अधिकारी ने छात्र से आधार कार्ड नंबर मांगा और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाया. इसके बाद छात्र को 29,500 रुपये यूपीआई के माध्यम से ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया। स्कैमर्स ने उसे धमकाया कि वह डिजिटल अरेस्‍ट है और किसी से संपर्क किया तो वह मुश्किल में पड़ जाएगा। पीड़ित छात्र के बयान को आधार मानकर मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, साथ ही घटना की जांच की जा रही है।

अवैध गतिविधियों की 17 शिकायतें दर्ज

सायबर ठगों ने पीड़ित आईआईटी-बंबई के छात्र को डराने के लिए उसे बताया कि उसके द्वारा चलाया जा रहें नंबर पर अवैध गतिविधियों की 17 शिकायतें दर्ज है, जिसमें मनी लांड्रिंग जैसे गंभीर मामले भी शामिल है। उसे नंबर को निष्क्रिय होने से बचाने के लिए पीड़ित को पुलिस से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना होगा और उसने पीड़ित से कहा कि वह कॉल को साइबर अपराध शाखा को स्थानांतरित कर रहा है। इसके बाद उसे और भयभीत करते हुए अनेक प्रकार के गलत आरोप लगाए गए चूंकि सामने बैठा व्यक्ति पुलिस वर्दी में था, इसलिए वह डर गया और उसने उनकी सारी बातों को मान लिया, जिसमें बैंक अकाउंट डिटेल्स से लेकर अन्य व्यक्तिगत जानकारी थी।

आरोपियों ने बैंक अकाउंट जानकारी लेकर उसके अकाउंट से 7 लाख रुपये निकाल लिए। छात्र को ठगी का एहसास तब हुआ जब उसने इंटरनेट पर इसी तरह की धोखाधड़ी के बारे में पढ़ा, इसके बाद उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी, तब जाकर मामले का खुलासा हुआ।

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गौरतलब हो, इस प्रकार डिजिटल अरेस्ट के नाम में ठगी का पहला मामला नहीं है, ऐसे कई मामले सामने आए है, जब साइबर ठगों ने जांच एजेंसी पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को नाम लेकर लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है, डर के कारण कई लोग इसकी शिकायत भी नहीं करते है। लेकिन जब IIT बॉम्बे के छात्र को एहसास हुआ कि उसके साथ किसी ने धोखा किया है, तो उसने इस बात की शिकायत पुलिस में (IIT-Bombay student becomes victim of ‘digital arrest’ fraud)  दर्ज की।

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