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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सिर्फ ब्रेकअप के चलते पुरुष के खिलाफ नहीं हो सकता रेप केस

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सिर्फ ब्रेकअप के चलते पुरुष के खिलाफ नहीं हो सकता रेप केस

  • मामला 2019 में दिल्ली के रोहिणी में हुई एक FIR से जुड़ा.
  • मामले की सुनवाई जस्टिस बीवी नागरत्न और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच कर रही थी.
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Supreme Court’s big decision regarding breakup and rape: सुप्रीम कोर्ट ने ब्रेकअप के बाद एक महिला दौर अपने पुरुष साथी के ऊपर लगाएं गए बलात्कार के आरोपों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट 2019 में पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले में आरोपी पुरुष की याचिका की सुनवाई करते हुए अपने फैसले में कहा कि महिला द्वारा अपनी सहमति से खुशी- खुशी युवक के साथ रिलेशनशिप में रहा गया लेकिन जब दोनों के बीच ब्रेकअप हुआ, तो इस बात के बाद महिला को अधिकार नहीं रह जाता कि वह इस प्रकार बलात्कार का आरोप लगाए। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार का आरोप झेल रहें युवक को बड़ी राहत दी है।

जस्टिस नागरत्ना और कोटेश्वर सिंह की बेंच में सुनवाई

बुधवार (20 नवम्बर, 2024) मामले की सुवाई के दौरान जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस कोटेश्वर सिंह की बेंच ने कई अहम टिप्पणियां की ने जस्टिस नागरत्ना ने मामले को लेकर अपनी टिपण्णी में कहा, “एक दूसरे के साथ सहमति से रिश्ते में रहे किसी कपल का आपस में रिश्ता टूटने के आधार पर ही आपराधिक कार्रवाई चालू नहीं की जा सकती। अगर किसी रिश्ते में शुरुआत में लड़का और लड़की आपस में अपनी मर्जी से जुड़े थे, और बाद में उनका रिश्ता वैवाहिक जीवन में तब्दील नहीं हो सका, ऐसे में इस आधार पर बाद में इसे आपराधिक रंग नहीं दिया जा सकता।”

कोर्ट ने महिला द्वारा युवक के ऊपर दर्ज कराई गई FIR को भी रद्द कर दिया है। महिला ने आरोप लगाया कि 2019 में प्रशांत को उसके घर का पता लग गया। इसके बाद प्रशांत ने उसके साथ जबरदस्ती संबंध बनाए। महिला ने आरोप लगाया कि इसके बाद कई बार डरा धमका कर उसके साथ रेप किया गया। प्रशांत ने इसके बाद महिला से विवाह करने से भी मना कर दिया। महिला के उक्त बयान को लेकर भी कोर्ट ने सवाल खड़े किए कि ऐसे कैसे कोई किसी का घर का पता लगा सकता है, बिना शिकायतकर्ता के जानकारी देने के ऐसा संभव नहीं।

वही किसी के शादी के वादा करने के मुकरने मात्र से भी उसके खिलाफ़ बलात्कार जैसे आरोपों को लेकर कोर्ट ने नाकार दिया। कोर्ट ने कहा दो बालिग लोगों के बीच आपसी से बना संबंध बाद में किसी वजह से ब्रेकअप होने के बाद बलात्कार की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।

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बता दे, शिकायकर्ता महिला और कोर्ट से बरी आरोपी पुरुष दोनों ही शादीशुदा है। आरोपी पुरुष ने जहां 2019 में किसी और से शादी कर ली थी, संभवत यही वजह के कारण उसके खिलाफ़ शिकायतकर्ता महिला ने रेप के आरोप में FIR दर्ज कराया था, वही 2020 में महिला की भी किसी और से (Supreme Court’s big decision regarding breakup and rape)  शादी हो गई थी।

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