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दिल्ली हाईकोर्ट का ChatGPT निर्माता OpenAI को समन, ANI से जुड़ा है विवाद

दिल्ली हाईकोर्ट का ChatGPT निर्माता OpenAI को समन, ANI से जुड़ा है विवाद

  • बौद्धिक संपदा अधिकारों के कथित उल्लंघन मामले में OpenAI पर मुकदमा दायर.
  • OpenAI के ऊपर बिना अनुमति के ANI की सामग्री का इस्तेमाल करने के आरोप.
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ANI’s case against ChatGPT maker OpenAI: भारतीय समाचार न्यूज एजेंसी ANI (एशिया न्यूज इंटरनेशनल) ने अमेरिकी टेक कंपनी OpenAI के खिलाफ़ भारत में दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए उसकी मौलिक सामग्री का बिना अनुमति उपयोग करने का आरोप लगाया है। कोर्ट में दायर याचिका में न्यूज एजेंसी ने कहा कि, अमेरिकी कंपनी OpenAI का ChatGPT जो कि एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकि का उपयोग करके उपभोक्ताओं के पूछे जानें वाले सवालों का जवाब देता है, वह अपने उत्तरों में न्यूज एजेंसी के डेटा और उससे मिलते जुलते हूबहू एएनआई की सामग्री का ही इस्तेमाल किया जाता है।

दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई

दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस अमित बंसल की बेंच ने मामले की सुनवाई की, सुनवाई के बाद जस्टिस अमित बंसल ने मुकदमे के साथ-साथ मामले में अंतरिम निषेधाज्ञा मांगने वाली ANI की अर्जी पर भी समन जारी किया। न्यायालय ने उठाए गए मुद्दों की विस्तृत श्रृंखला पर विचार करते हुए मामले में एक एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया, जिसका नाम आदेश में दर्शाया जाएगा। बता दे, OpenAI के खिलाफ में इस तरह कॉपीराइट उल्लंघन को लेकर पहला मामला है। वही भारत के बाहर अन्य देशों में OpenAI के साथ-साथ पेरफ्लेक्सिटी सहित अन्य एआई फर्मों के खिलाफ़ दुनियाभर के कई समाचार प्रकाशनों ने कॉपीराइट का उल्लंघन करने का मुकदमा दायर किया है।

ANI ने 2 करोड़ का हर्जाना मांगा

न्यूज एजेंसी ANI ने कोर्ट में मुकदमा दायर करते हुए अमेरिकी कंपनी OpenAI से स्वयं के दावे के अनुरूप कॉपीराइट सामग्री का बिना अनुमति के उपयोग करने के लिए 2 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। साथ ही कोर्ट से अपील की है कि वह OpenAI या उसके किसी भी प्लेटफॉर्म या व्यक्ति द्वारा ANI की सामग्री का प्रकाशन, संग्रहित, या अन्य किसी भी प्रकार का उपयोग दोबारा न करें।

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अमेरिकी कंपनी ने खंडन किया

वही दूसरी ओर OpenAI की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील अमित सिंबल ने पूरे मामले और दावों को लेकर ANI के आरोपों का खंडन करा है। कोर्ट में प्रस्तुत OpenAI के वकील अमित सिंबल ने सुनवाई में कहा कि, सितंबर में ANI द्वारा OpenAI को नोटिस जारी करने के बाद से ही अक्टूबर 2024 तक OpenAI ने पहले ही एएनआई के डोमेन को ब्लॉक कर दिया। इसका स्पष्ट अर्थ है कि OpenAI न्यूज एजेंसी ANI के किसी भी डेटा का उपयोग नहीं कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जो कोई भी नहीं चाहता कि उसकी वेबसाइट तक पहुंचा जाए। उसके पास ChatGPT पर खुद को ब्लॉकलिस्ट में डालने का (ANI’s case against ChatGPT maker OpenAI)  विकल्प है।

 

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