Controversial statement against people who do not pay electricity bills: उत्तरप्रदेश के सराहनपुर जिले से बिजली विभाग के एक अधिकारी का बिजली बिल न पटाने वाले लोगों के विरुद्ध दिया गया बयान सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। बिजली विभाग के अधिकारी ने अपने से नीचे काम करने वाले बिजली विभाग के कर्मचारियों को बिजली बिल न पटाने वाले लोगों के खिलाफ जो तरीका बताया है, वह सोशल मीडिया में विवाद का विषय भी बना हुआ है। तो वही कुछ लोग इसे मज़ाक के तौर में ले रहे है। ऐसे में आपके मन में भी सवाल उठ रहा होगा ऐसा क्या बोल दिया बिजली अधिकारी ने?
तो हम आपको बता दे, दअरसल सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में एक बिजली विभाग का वरिष्ठ अधिकारी विभाग के कर्मचारियों को बिजली का बिल नहीं पटाने वाले लोगों के घर जला देने की सलाह दे रहा है, जो कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के तहत आने वाले क्षेत्र सहारनपुर के अधीक्षण अभियंता SE धीरज जायसवाल का बताया जा रहा है।
वर्चुअल समीक्षा बैठक के दौरान SE धीरज जायसवाल का बयान
सोशल मीडिया में वायरल वीडियो बिजली बकाएदारों की वर्चुअल समीक्षा बैठक के दौरान बताया जा रहा है, जिसमें SE धीरज जायसवाल अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को पैसे न देने वाले उपभोक्ताओं (बिजली बिल) न देने वालों के बारे में पूछते है, तो इस बात का जबाव देते हुए एक कर्मचारी कहता है कि उपभोक्ता पैसे नहीं दे रहे हैं, उनके घर पर ताला लगा है और वे हरियाणा और अन्य प्रदेशों में नौकरी करते हैं। जिसके बाद प्रतिउत्तर में SE धीरज जायसवाल कहते हैं कि घर में आग लगा दो। इस पर कर्मचारी 3 लाख रुपये बकाया बताते (Controversial statement against people who do not pay electricity bills) हैं।
सुपरिटेंडेंट इंजीनियर ने बिल न जमा करने वाले उपभोक्ताओं के घर में आग लगाने का दिया निर्देश
धीरज जयसवाल सुपरिटेंडेंट इंजीनियर -2 सहारनपुर पश्चिमांचल विधुत वितरण निगम लिमिटेड उत्तर प्रदेश द्वारा उपभोक्ता का विधुत बिल जमा न करने पर उसके घर में आग लगने का निर्देश दिया गया….… pic.twitter.com/zJQwWvbakN
— उत्तर प्रदेश पावर कंप्लेंट-लखनऊ मीडिया(UPPCLMEDIA) (@UppclMedia) November 13, 2024
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इस पूरे घटनाक्रम और अधिकारी के बयान और वर्चुअल मीटिंग का वीडियो किसी ने रिकॉर्ड करके वायरल कर दी। उत्तर प्रदेश पावर कंप्लेंट-लखनऊ मीडिया(UPPCLMEDIA) नाम के X अकाउंट में इस पूरे वाकए का वीडियो साझा करते हुए प्रश्न किया गया है कि,
” एक वरिष्ठ शीर्ष पदों पर कार्यरत इंजीनियर को इस प्रकार के निर्देश देना… क्या सरकार की छवि खराब करने जैसा नहीं है..? देखना ब यह है कि यह मामला प्रकाश में आने के बाद पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष आशीष गोयल इस प्रकरण में क्या कार्रवाई करते हैं??”