Announcement of march to Delhi against Waqf Bill: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार वफ्फ कानूनों में कुछ संशोधन करना चाहती है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने कुछ तैयारियां भी कर रखा है। लेकिन केंद्र सरकार के इस फैसले के पीछे मुस्लिम समाज लामबंद होते दिख रहा है। विधेयक का विरोध करते हुए आरोप लगाया जा रहा है कि यह केंद्र सरकार द्वारा समुदाय की संपत्तियों को जब्त करने का प्रयास है, जबकि केंद्र सरकार के समर्थन में बिल के जानकारों के मानना है कि यह वफ्फ कानूनों में कुछ संशोधन वक्फ बोर्ड के असीमित अधिकारों पर लगाम की दिशा में केंद्र सरकार ने संशोधन प्रस्तावित किए हैं। इनमें वक्फ संपत्तियों का अनिवार्य वेरिफिकेशन शामिल है। इससे संपत्तियों के दुरुपयोग पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 के खिलाफ़
रविवार को राजस्थान के जयपुर में वक्फ विधेयक के खिलाफ आयोजित ‘तहफ्फुज-ए-औकाफ’ कॉन्फ्रेंस में की गई। इसमें मुस्लिम विद्वानों और नेताओं की भीड़ जुटी थी, इस बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि समुदाय बिल के खिलाफ 24 नवंबर को मार्च निकाला जाएगा। बता दे, संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। इसलिए संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 के खिलाफ दिल्ली तक मार्च निकालने की योजना बनाई गई है।
कांग्रेस सांसद ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई बताई
बैठक में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस सांसद और वक्फ विधेयक को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के सदस्य इमरान मसूद ने कहा, “यह विधेयक संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। सरकार इस तरह वक्फ बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती। सरकार भविष्य में मंदिर की संपत्ति भी अधिग्रहित कर सकती है। गैर-मुस्लिम भाइयों, इस समय हमारे घर में आग लगी है, लेकिन यदि आप इसे बुझाने में मदद नहीं करेंगे, तो आग आपके घरों तक भी पहुंच सकती है।”
वक्फ संसोधन विधयेक के खिलाफ जयपुर के MD रोड पर उमड़ा जनसैलाब.. pic.twitter.com/U3AptjZVbc
— Piyush Sharma (@piyushnov14) November 10, 2024
गौरतलब हो, वक्फ के ऊपर कई आरोप लग रहे है, जिसमें एक मुद्दा वक्फ बोर्ड के खिलाफ़ जमकर उठ रहा है। कई ऐसे मामले आए है, जिसमें वक्फ बोर्ड के ऊपर गलत तरीके से जमीन अपने में शामिल करने के आरोप लगे। एक उदाहरण से समझे तो देशभर में जहां भी कब्रिस्तान की घेरेबंदी करवाता है, उसके आसपास की जमीन को भी अपनी संपत्ति करार दे देता है।
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इन मजारों और आसपास की जमीनों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा हो जाता है। चूंकि 1995 का वक्फ एक्ट कहता है कि अगर वक्फ बोर्ड को लगता है कि कोई जमीन वक्फ की संपत्ति है तो यह साबित करने की जिम्मेदारी उसकी नहीं, बल्कि जमीन के (Announcement of march to Delhi against Waqf Bill) असली मालिक की होती है कि वो बताए कि कैसे उसकी जमीन वक्फ की नहीं है।