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वकील ने चैट में जजों के बारे में किए ‘गलत कमेंट’, हाईकोर्ट ने भेजा 4 महीने के लिए जेल

वकील ने चैट में जजों के बारे में किए ‘गलत कमेंट’, हाईकोर्ट ने भेजा 4 महीने के लिए जेल

  • जज पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना वकील को पड़ा भारी.
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाई 4 महीने की सजा.
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Lawyer made ‘wrong comments’ about judges in chat: राजधानी दिल्ली में एक वकील को अपनी व्यक्तिगत चैट में जजों के खिलाफ़ अपमानजक टिपण्णी करना उस वक्त महंगा पड़ गया, जब दिल्ली हाईकोर्ट में उक्त मामला संज्ञान में आया। दिल्ली हाईकोर्ट ने वकील को आपराधिक अवमानना के लिए चार महीने जेल की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट ने न्यायाधीशों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने और उनके एवं पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बार-बार आधारहीन शिकायतें दर्ज करने का दोषी पाए जाने के बाद यह फैसला सुनाया।

वकील का व्यवहार न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को बदनाम करने का

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की खंडपीठ ने वकील को निंदनीय और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने का दोषी ठहराया है। बेंच ने कहा कि वकील की टिप्पणियां न्यायिक अधिकारियों, हाई कोर्ट के जजों और कोर्ट के प्रति साफतौर पर अवमाननापूर्ण थीं। पीठ ने पाया कि वकील ने अपने कार्यों के लिए कोई पश्चाताप या माफी नहीं मांगी। उनके व्यवहार का स्पष्ट रूप से न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को बदनाम करने और धूमिल करने का इरादा था।

क्या था मामला?

दरअसल एडवोकेट संजीव कुमार ने अपनी अलग हो चुकी पत्नी, उसके परिवार और ज्यूडिशियल अधिकारियों के खिलाफ कई शिकायतें  दर्ज कीं, जिन्होंने वकील के खिलाफ फैसले दिए थे। वकील ने अपने पक्ष में फैसला न सुनाए जानें के बाद कोर्ट और जजों के खिलाफ गलत और अव्यवहारिक टिपण्णी की थी, जिसे लेकर न उसे कोई पश्चाताप या अफसोस नहीं हुआ था। कोर्ट की अवमानना संबंधित मामले में जब संजीव कुमार ने खुद का प्रतिनिधित्व किया और तर्क दिया कि उन्होंने जो शिकायतें दर्ज कीं, वे उनके वैवाहिक विवाद से संबंधित वैध शिकायतें थीं। उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यों को न्यायिक अधिकारियों के कथित कदाचार से प्रेरित किया गया था।

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कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद पाया कि वकील ने जो कुछ भी कहा उसके लिए उसे कोई अफसोस नहीं है। उसका व्यवहार न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को बदनाम करने और धूमिल करने का इरादा था। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले को की वकील को आपराधिक अवमानना के लिए चार महीने जेल की सजा सुनाई है। साथ ही वकील को ₹2,000 का जुर्माना (Lawyer made ‘wrong comments’ about judges in chat)  लगाया।

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