Ola Valuation Cut: भारत की नामी कैब सेवा प्रदाता कंपनी Ola की वैल्यूएशन में भारी गिरावट देखनें को मिली है। असल में अमेरिका आधारित दिग्गज निवेशक, Vanguard ने अपनी इनवेस्टमेंट्स को लेकर Ola की वैल्यू को घटाते हुए लगभग $2 बिलियन कर दिया है। गौर करने वाली बात ये है कि साल 2021 के अंत वाले आँकड़ों से तुलना करें तो यह Ola की टॉप वैल्यूएशन $7.3 बिलियन से लगभग 72% कम है।
Vanguard ने अपने इंटरनल रिकॉर्ड में Ola की वैल्यूएशन को $1.9 बिलियन से भी कम कर दिया है। माना जा रहा है कि Ola की वैल्यूएशन में आई इस कमी के पीछे कई कारण हैं। हाल के समय में Ola के टॉप मैनेजमेंट में भी कई बड़े बदलाव देखनें को मिले हैं। इतना ही नहीं बल्कि कंपनी ने खुद को Ola Consumer के रूप में रीब्रांड किया है और अब कैब सेवाओं के साथ ही साथ अन्य कंज्यूमर सर्विस का भी रुख़ किया है।
Ola Valuation Cut: कारण
ऐसे में सामने आ रही रिपोर्ट्स के अनुसार, विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी में हुए हाल के बदलावों और इसके विभिन्न व्यवसायों के पुनर्गठन ने इसकी वैल्यूएशन पर व्यापक नकारात्मक असर डाला है। असल में देखा जाए तो Ola ने कुछ समय पहले ही अपने संचालन को तीन प्रमुख इकाइयों में बाँटा है, जिनमें कैब और मोबिलिटीके अलावा वित्तीय सेवाएँ और लॉजिस्टिक्स व ई-कॉमर्स सेवाएँ भी शामिल है।
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कंपनी के मुताबिक, इस पुनर्गठन का मकसद Ola को बेहतर संचालन, अधिक कुशल प्रबंधन और तेजी से निर्णय लेने की प्रणाली के तहत ढालना था। इस कदम के बाद कंपनी ने दावा किया कि यह नया स्ट्रक्चर तमाम सेगमेंट पर फोकस बढ़ाने और नए उपभोक्ता बाजारों में प्रवेश करने में सहायक साबित होगा।
इस बात में कोई शक नहीं है कि Ola ने पिछले कुछ सालों मीन भारतीय कैब बाजार में एक अच्छी पकड़ हासिल कर ली है। लेकिन आज के समय Uber समेत तमाम अन्य प्रतिस्पर्धियों ने भी इसे कड़ी टक्कर देना शुरू कर दिया है, ऐसे में कंपनी पर बढ़ते दबाव के चलते भी कई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं।
Ola के लिए बढ़ती चुनौती
अप्रैल में ही पूर्व Unilever के अधिकारी हेमंत बक्षी ने कुछ ही महीनों के भीतर Ola के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं सह-संस्थापक भाविश अग्रवाल भी फिलहाल Ola Electric और Krutrim AI पर अधिक ध्यान केंद्रित करते नज़र आ रहे हैं। इसने भी शायद कंपनी की आंतरिक स्थिरता और निवेशकों के विश्वास को कमजोर किया है।
पहले ही Ola Electric को लेकर कंपनी तमाम हालिया विवादों से घिरी हुई है। वहीं क्विक कॉमर्स सेगमेंट में प्रवेश भी इसके लिए आसान नहीं रहने वाला। पहले से ही Blinkit से लेकर Swiggy Instamart, Zepto और Big Basket Now आदि आक्रामक रूप से अपना विस्तार कर रहे हैं।
मौजूदा हालातों को देखते हुए पहले से ही कंपनी की वित्तीय स्थिरता और नई व्यवसाय रणनीतियों पर सवाल उठने शुरू हो गए थे और ऐसे में Vanguard जैसे प्रमुख निवेशकों द्वारा की गई वैल्यूएशन में कमी कंपनी की परेशानी बढ़ा सकती है।