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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अब तक 10 हाथियों की मौत, मचा हड़कंप

10 elephants died in Bandhavgarh Tiger Reserve: मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य (बीटीआर) में एक हफ्ते के अंदर 10 के करीब हाथियों की मौत से राज्य में हड़कंप मचा हुआ है, उक्त सभी हाथियों की मौत जहरीले पदार्थों के सेवन करने से बताई जा रही है। इस घटना के संबंध में जानकारी देत हुए मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ-वन्यजीव) वीकेएन अंबाडे ने अभयारण्य के भीतर से फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘बुधवार शाम को एक हाथी की मौत हो गई, जबकि गुरुवार को भी दो अन्य हाथियों की मौत हो गई। बीते दो दिनों में तीन हाथी और एक सप्ताह के भीतर 10 हाथियों की मौत ने वनविभाग के अधिकारियों चिंता को बढ़ा दिया हैं।

हाथियों की मौत की पुख़्ता वजह के लिए फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार

हाथियों की इतनी बड़ी संख्या में मौत के लिए ज़हरीले पदार्थों का सेवन की बात का अनुमान लगाया जा रहा है, जबकि वन विभाग के अधिकारी का इस घटना के संबंध में कहना है कि, “फिलहाल हमें (हाथियों की मौत में) कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। मैंने आस-पास के कई इलाकों का दौरा किया है। मुझे अभी तक कोई गड़बड़ी नहीं दिख रही है। लेकिन देखते हैं कि (शव परीक्षण और फॉरेंसिक) रिपोर्ट क्या कहती है।” यानि कि फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही उक्त हाथियों की मौत की पुख़्ता कारण सामने आ पाएगा।

पांच सदस्यीय निरीक्षण टीम बीटीआर पहुंची

इस प्रकार हाथियों के एक के बाद एक मौत की घटना के बाद से ही वन विभाग सकते में घटना की सूचना के बाद से ही दिल्ली से वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की पांच सदस्यीय टीम बीटीआर मे पहुंचकर जरूरी जांच और निरीक्षण का काम कर रही है, वही दुसरी ओर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के नागपुर स्थित क्षेत्रीय अधिकारी, सहायक वन महानिरीक्षक नंदकिशोर काले, ने भी स्थिति का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने के लिए बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में डेरा डाला हुआ हैं।

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गौरतलब हो, इस प्रकार इतनी अधिक संख्या में हाथियों की मौत ने वनविभाग को संकट में डाल दिया है, शायद यह देश में पहला ऐसा मामला है, जहां तीन दिनों के अंतराल में दस वन्यजीव हाथियों की मौत हुई है। इसलिए राज्य और केंद्र सरकार की वाइल्ड लाइफ टीमें घटना की जांच में जुट चुकी है, एक अधिकारी के अनुसार, सभी मृत हाथी 13 के झुंड का हिस्सा थे, जिसमें एक नर हाथी भी शामिल था, जिसकी मौत हो चुकी है। कृष्णमूर्ति ने बताया कि झुंड के बचे हुए तीन हाथी स्वस्थ हैं और जंगल में उनकी (10 elephants died in Bandhavgarh Tiger Reserve)  लगातार निगरानी की जा रही है

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