संपादक, न्यूज़NORTH
Women Feel Unsafe In Delhi Buses?: राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक बसों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हाल ही में एक अहम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कुछ चौंका देने वाले खुलासे देखनें को मिले। हम बात कर रहे हैं ‘ग्रीनपीस इंडिया’ की हालिया रिपोर्ट के बारे में, जिसमें बसों में यात्रा के दौरान असुरक्षा के माहौल या डर को लेकर महिलाओं के बीच एक सर्वे किया गया। दिलचस्प रूप से इसमें अंधेरा होने के बाद यात्रा के अनुभव से जुड़े पहलू सामने रखे गए।
वैसे इस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार की ‘पिंक टिकट’ योजना का भी उल्लेख किया गया है, जिससे महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा का लाभ मिलता है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की 75% से अधिक महिलाएं दिन में सफर करते वक्त भी असुरक्षित महसूस करती हैं, जबकि रात में ये आंकड़ा बढ़कर 77% तक पहुंच जाता है। बसों में भीड़ और सफर के दौरान होने वाली घटनाएं महिलाओं के बीच इस असुरक्षा का प्रमुख कारण उभर कर सामने आई हैं।
Women Safety in Delhi Buses
रात के समय जब सड़कों पर भीड़ कम होती है, महिलाओं को असुरक्षित महसूस करने का कारण मुख्यतः अपर्याप्त सुरक्षा, छेड़छाड़ की घटनाएं और अंधेरे इलाकों में बस स्टॉप्स पर इंतजार करना आदि है। यह समस्या महिलाओं को रात के समय काम से लौटने या अन्य जरूरी कामों के लिए सफर करते समय प्रभावित करती है।
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रिपोर्ट में कई महिलाओं ने भीड़ भरी बसों में होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं का भी जिक्र किया है। भीड़ के कारण महिलाओं को अक्सर असुविधा और असुरक्षा का सामना करना पड़ता है, जो खासकर ऑफ़िस आवर के दौरान अधिक होता है।
इतना ही नहीं बल्कि रिपोर्ट में बुनियादी ढांचे में सुधार और सुरक्षा के उपायों की मांग की गई है। ग्रीनपीस इंडिया ने सुझाव दिया है कि महिलाओं के लिए बसों में सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन और अन्य सुरक्षा उपायों को और बेहतर बनाया जाए ताकि उन्हें सुरक्षित माहौल मिल सके। इसके अलावा, बस स्टॉप्स पर पर्याप्त रोशनी और गार्ड्स की तैनाती से महिलाओं को और अधिक सुरक्षित महसूस कराया जा सकता है।
Delhi Buses: पिंक टिकट स्कीम
इस बीच बात की जाए दिल्ली सरकार की ‘पिंक टिकट’ योजना की तो इसे अक्टूबर 2019 में शुरू किया गया था। इसके तहत महिलाओं को मुफ्त में बस यात्रा करने का अवसर दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि इस योजना से महिलाओं ने न सिर्फ किराए के पैसे बचाए, बल्कि ये बचाए पैसे उन्हें घरेलू जरूरतों, स्वास्थ्य सेवाओं और आपात स्थितियों में भी काम आए। सर्वे के अनुसार लगभग 75% महिलाओं ने योजना से मिली आर्थिक राहत का सीधा लाभ प्राप्त किया।
इतना ही नहीं बल्कि रिपोर्ट में इस बात का भी ज़िक्र है कि ‘पिंक टिकट’ योजना से महिलाओं में आर्थिक स्वतंत्रता का भाव बढ़ा है। इसके चलते महिलाओं के आत्मविश्वास में भी इजाफा हुआ है।
सर्वे में सामने आया कि 25% महिलाओं ने बसों का इस्तेमाल बढ़ा दिया है। दिलचस्प रूप से जो महिलाएं पहले तमाम कारणों के चलते बसों में सफर करने से बचती थीं, वह भी अब रोजना इसका इस्तेमाल कर रही हैं। ग्रीनपीस इंडिया ने यह भी अपील की है कि महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए किराया-मुक्त सार्वजनिक परिवहन को देशव्यापी स्तर पर अपनाया जाए।