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‘पाक जिंदाबाद’ का नारा लगाने पर ’21 बार तिरंगे को सलामी देने’ की सजा, वीडियो वायरल

‘पाक जिंदाबाद’ का नारा लगाने पर ’21 बार तिरंगे को सलामी देने’ की सजा, वीडियो वायरल

  • माह के पहले व चौथे मंगलवार को तिरंगे को देनी होगी सलामी.
  • कोर्ट ने उसे सशर्त जमानत देने के साथ सुनाई है अनूठी सजा.
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Punishment for saluting the tiranga: मध्यप्रदेश जबलपुर हाइकोर्ट ने एक व्यक्ति को देश का अपमान करने के आरोप में भारत के राष्ट्रीय झंडे को 21 बार सलामी देने की सजा सुनाई है। मामला भोपाल में एक व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया रील में पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाने और भारत को अपमानित करने के लिए भारत विरोधी नारों को लेकर था।

आरोपी फैजल उर्फ फैजान के खिलाफ 16 मई को पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करना और उसकी रील बनाकर वायरल करना तब मंहगा पड़ गया, जब हिंदूवादी संगठन की शिकायत पर मिसरोद थाना पुलिस ने उस पर बीएनएस की धारा 153 का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया। निचली अदालतों ने राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कृत्य को गंभीर मानते हुए जमानत देने से इन्कार कर दिया।

जबलपुर हाइकोर्ट ने शर्तों के साथ दी ज़मानत

आरोपी ने इसके बाद अपनी गलती स्वीकारते हुए जबलपुर उच्च न्यायालय में अर्जी लगाई। जिसमें कोर्ट ने सुनवाई करते हुये आरोपी को 50 हजार रुपये के मुचलके पर कुछ ख़ास शर्तों के साथ ज़मानत देने का फैसला सुनाया था। कोर्ट ने आरोपी को मुकदमे की समाप्ति तक  हर महीने दो बार भोपाल पुलिस थाने में 21 बार राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देकर ‘भारत माता की जय’ कहना होगा। आरोपी को महीने के पहले और चौथे मंगलवार को सुबह 10 से 12 बजे के बीच यह प्रक्रिया करनी होगी।

फैजल ने कोर्ट के आदेश पालन की शुरूआत की

देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए मध्य प्रदेश के युवक फैजल ने मंगलवार को कोर्ट के आदेश पर तिरंगे को 21 बार सलामी दी और भारत माता की जय के नारे लगाए। हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए फैजल ने भोपाल के थाने में 21 बार ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।

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गौरतलब हो, मध्यप्रदेश हाइकोर्ट के जस्टिस डीके पालीवाल ने 15 अक्टूबर को आदेश में कहा कि आरोपी को कुछ शर्तें लगाकर जमानत पर रिहा किया जा सकता है, जिससे उसके (Punishment for saluting the tiranga)  अंदर उस देश के प्रति जिम्मेदारी और गर्व की भावना पैदा हो, जहां वह पैदा हुआ और रह रहा है। अदालत ने कहा, ‘वह खुलेआम उस देश के खिलाफ नारे लगा रहा है, जिसमें वह पैदा हुआ और पला-बढ़ा है।’

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