संपादक, न्यूज़NORTH
CNG Price Hike: हाल ही में भारत सरकार द्वारा शहरी गैस रिटेल विक्रेताओं को सस्ती घरेलू प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में 20% तक की कटौती किए जाने की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में अब अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि इस कदम के चलते आज के समय में वाहनों में इस्तेमाल होने वाली सीएनजी गैस की कीमतें बढ़ सकती हैं। कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि सीएनजी के दाम संभावित रूप से ₹4 से ₹6 प्रति किलोग्राम तक बढ़ाए जा सकते हैं।
कई लोग शायद यह जानते ही होंगे कि भारत में अरब सागर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक के कई क्षेत्रों से प्राकृतिक गैस का उत्पादन होता है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत सरकार द्वारा नियंत्रित पुराने क्षेत्रों से प्राकृतिक गैस के उत्पादन में सालाना लिहाज से 5% तक की गिरावट दर्ज की जा रही है। इसी वजह के चलते शहरी गैस वितरण कंपनियों को आपूर्ति में कटौती की जा रही है।
CNG Price Hike?
याद दिला दें, 16 अक्टूबर 2023 से लागू नई नीति के तहत फिलहाल सीएनजी की कुल मांग का सिर्फ 50.75% ही घरेलू गैस से पूरा किया जा सकेगा, लेकिन यह पिछले महीने तक 67.74% था। इस कमी की वजह से अब शहरी गैस रिटेल विक्रेताओं को महंगी आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस यानी LNG खरीदनी पड़ सकती है।
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मतलब ये हुआ कि घरेलू प्राकृतिक गैस की कमी के कारण शहरी रिटेल विक्रेताओं को अब महंगी आयातित गैस पर निर्भर होना पड़ सकता है, पुराने क्षेत्रों से मिलने वाली गैस की कीमत फिलहाल लगभग ₹480-₹500 (~ $6.50) प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (MMBTU) है, वहीं आयातित एलएनजी की कीमत ₹880-₹900 (~ $11 डॉलर) प्रति इकाई होती है।
रसोई गैस पर भी होगा असर?
ऐसे में इन्हीं क़ीमतों के अंतर को देखते हुए, मौजूदा हालातों में सीएनजी की कीमत में ₹4-6 प्रति किलोग्राम तक की वृद्धि संबंधित अटकलें लगाई जा रही हैं। वैसे मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी साफ किया गया है कि फिलहाल रसोई में इस्तेमाल होने वाली पाइप्ड नैचुरल गैस यानी PNG की आपूर्ति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में रसोई गैस के महंगे होने की उम्मीद नहीं है।
दाम न बढ़ने की भी संभावना
जानकारी सामने आ रही है कि इस मामले में शहरी गैस रिटेल विक्रेताओं के प्रतिनिधि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय से बातचीत कर रहे हैं। एक संभावित विकल्प यह हो सकता है कि सरकार सीएनजी पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती करे। जो फिलहाल सीएनजी पर 14% होता है। यह लगभग ₹14-15 प्रति किलोग्राम बनता है। और अगर सरकार इसमें कटौती करती है तो शायद ग्राहकों पर बड़ी हुई लागत का बोझ न पड़े।
गौर करने वाली बात ये भी है कि जल्द ही देश के दो प्रमुख राज्यों महाराष्ट्र और दिल्ली में भी चुनाव हो सकते हैं। और ये दोनों राज्य सीएनजी के प्रमुख बाजार माने जाते हैं। ऐसे में संभावना यह भी है कि सरकार यह कोशिश करें कि सीएनजी की कीमतों में फिलहाल वृद्धि न की जाए, ताकि यह कोई चुनावी मुद्दा न बन सके। इतना तो तय है कि अगर सीएनजी की कीमतें बढ़ती हैं, तो यह सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो CNG वाहनों का रोज़मर्रा के लिए व्यापक इस्तेमाल करते हैं।
वैसे तो सीएनजी को एक सस्ते और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन विकल्प के रूप में देखा जाता रहा है। लेकिन क्या आने वाले समय में इसकी क़ीमतों में भी इज़ाफ़ा होगा, यह सवाल अक्सर लोगों के मन में बना रहता है।