Now Reading
डिलीवरी एजेंट्स समेत तमाम गिग वर्कर को मिलेगा ‘बीमा’ और ‘पेंशन’, सरकार करेगी बड़ा ऐलान

डिलीवरी एजेंट्स समेत तमाम गिग वर्कर को मिलेगा ‘बीमा’ और ‘पेंशन’, सरकार करेगी बड़ा ऐलान

  • गिग वर्कर्स के लिए भारत सरकार ला सकती है एक बड़ी स्कीम
  • इन कर्मचारियों के लिए भी की जाएगी बीमा और पेंशन की व्यवस्था
government-to-introduce-insurance-and-pension-for-gig-workers

Government To Introduce Insurance and Pension For Gig Workers: मौजूदा समय में डिलीवरी एजेंट्स जैसे तमाम गिग वर्कर्स विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाओं के तहत अहम रोल निभा रहे हैं। और अब भारत सरकार भी गिग वर्कर्स और प्लेटफॉर्म आधारित कर्मचारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा योजना लागू करने का मन बना रही है। इसके तहत उन्हें बीमा, पेंशन और स्वास्थ्य सेवाएं जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकती हैं।

जी हाँ! इसके संकेत खुद केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में दिए। उन्होंने इस दिशा में सरकार की संभावित नीति पर प्रकाश डाला और बताया कि इसे अगले बजट से पहले इसे लागू करने की कोशिश की जा रही है।

वर्तमान में गिग वर्कर्स की स्थिति एक अस्थाई पार्टनर्स या वर्कर जैसी होती है, जिसके चलते इन्हें स्थायी कर्मचारियों की तर्ज पर तमाम सुविधाओं से वंचित रखा जाता है। गिग वर्कर्स की बात करें तो यह वे कर्मचारी होते हैं जो आमतौर पर अस्थायी रूप से या प्रोजेक्ट आधारित काम करते हैं, जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स Zomato, Swiggy, Uber, Ola, Amazon जैसी कंपनियों के साथ काम करने वाले डिलीवरी एजेंट्स आदि।

Insurance and Pension For Gig Workers

यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि आज लाखों की संख्या में गिग वर्कर्स विभिन्न कंपनियों से जुड़े हुए हैं। नीति आयोग के अनुसार, भारत में लगभग 65 लाख गिग वर्कर्स कार्यरत हैं, और यह संख्या 2 करोड़ तक पहुंच सकती है। इनमें से अधिकांश कर्मचारी असंगठित क्षेत्र में आते हैं, जहां उन्हें कोई पेंशन, बीमा या स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं होती।

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

ऐसे में सरकार इनके लिए एक समर्पित सामाजिक सुरक्षा फ्रेमवर्क तैयार कर रही है। केंद्रीय श्रम मंत्री ने इस योजना के तहत उन्हें बीमा, पेंशन और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देने की बात कही है। देखा जाए तो कुछ राज्यों में पहले से ही गिग वर्कर्स के लिए कानून लेकर आए हैं, लेकिन अब केंद्र सरकार ऐसा ही कुछ राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की तैयारी में है।

See Also
bangladesh-crisis-impact-on-indian-business

मांडविया के मुताबिक, राज्यों के सभी सुझावों पर विचार किया जा रहा है और इस योजना को लागू करने से पहले सरकार हर पहलू पर ध्यान दे रही है। बीमा और पेंशन किसी भी कर्मचारी के लिए कितना अहम है यह बताने की ज़रूरत नहीं है। खासकर गिग वर्कर्स के लिए इन सुविधाओं का होना और भी आवश्यक है, क्योंकि वे अस्थाई रूप से नियुक्त किए जाते हैं और उन्हें कोई सुनिश्चित भविष्य का आश्वासन नहीं दिया जाता।

ये है बड़ा सवाल?

माना जा रहा है कि सरकार गिग वर्कर्स के लिए एक मजबूत सामाजिक सुरक्षा ढांचा तैयार कर रही है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां भी हो सकती हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि इस योजना के लिए फंडिंग कहां से आएगी। गिग वर्कर्स और उनके काम देने वालों के बीच कोई स्थायी संबंध नहीं होता, इसलिए इस योजना के लिए कौन और कितना योगदान देगा, यह एक अहम सवाल बन जाता है।

वैसे जानकार अटकलें लगा रहे हैं कि सरकार एक ऐसी नीति तैयार कर सकती है, जिसमें विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्म्स से जुड़ी कंपनियों से भी योगदान लिया जा सकता है। साथ ही सरकार खुद भी आर्थिक रूप से कुछ योगदान दे सकती है।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.