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न्यूक्लियर एनर्जी से संचालित होंगे Google के AI डेटा सेंटर्स, दुनिया की पहली कॉर्पोरेट डील

न्यूक्लियर एनर्जी से संचालित होंगे Google के AI डेटा सेंटर्स, दुनिया की पहली कॉर्पोरेट डील

  • गूगल ने 2030 तक पहला एसएमआर ऑनलाइन लाने के लिए कैरोस पावर के साथ साझेदारी की.
  • गूगल छह से सात रिएक्टरों से कुल 500 मेगावाट बिजली खरीदेगा.
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Google’s AI data centers powered by nuclear energy: टेक दिग्गज कंपनी Google की AI तकनीकी को लेकर एक नई अपडेट सामने आई है, जानकारी के मुताबिक टेक दिग्गज कंपनी ने अपने AI सिस्टम की ऊर्जा जरूरतें पूरी करने के लिए छोटे मॉड्युलर न्यूक्लियर रिएक्टर (SMR) से बिजली खरीदने का समझौता किया है। यह कई SMR से बिजली खरीदने के लिए दुनिया का पहला कॉर्पोरेट समझौता है। अमेरिकी टेक दिग्गज Google ने 2030 तक पहला एसएमआर ऑनलाइन लाने के लिए कैरोस पावर के साथ साझेदारी की है, और 2035 तक और रिएक्टर लगाने की योजना बनाई है।

2035 तक 500 मेगावाट बिजली खरीदेगा Google

टेक दिग्गज Google ने 2030 तक अपना पहला रिएक्टर चालू करने की योजना बना रही है और वही 2035 तक 6 से 7 रिएक्टरों से 500 मेगावाट बिजली भी खरीदेगा। हालांकि इस समझौते की वित्तीय जानकारी और रिएक्टरों के स्थान की जानकारी अभी तक सामने नहीं आई हैं।

इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर गूगल के ऊर्जा और जलवायु के वरिष्ठ निदेशक माइकल टेरेल ने कहा,

“हमें लगता है कि परमाणु ऊर्जा हमारी मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है… और वह भी स्वच्छ तरीके से, चौबीसों घंटे।”

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Google का अपने AI मॉडल के स्वच्छ ऊर्जा के निवेश की योजना

अमेरिका टेक कंपनी Google का यह कदम अपने  AI ढांचे के लिए एक स्थिर और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत तैयार करना है, ताकि बढ़ते काम के भार को चलाने के लिए आवश्यक ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। AI तकनीकी के विकास ने दुनिया भर में बिजली की मांग को बढ़ाया है, इस तकनीकी के लिए अधिक से अधिक बिजली की आवश्यकता होती है। जिस वजह से हाल के वर्षों में देखा गया है विभिन्न टेक आधारित बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने ऊर्जा और एनर्जी के लिए परमाणु ऊर्जा की ओर अपने कदम बढ़ाया हैं।

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रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि 2023 और 2030 के बीच अमेरिकी डेटा सेंटर की बिजली खपत तीन गुनी हो जाएगी, जिसके लिए लगभग 47 गीगावाट नई उत्पादन क्षमता की आवश्यकता (Google’s AI data centers powered by nuclear energy)  होगी।

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