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झारखंड: राशन कार्डधारकों को अब महीने में 2 बार मिलेगा राशन

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Jharkhand Free Ration Scheme Update: चुनाव नजदीक आते ही सरकारें वोटरों को रिझाने के लिए तरह-तरह की योजनाओं का ऐलान कर रही हैं। इसी क्रम में झारखंड सरकार ने ग्रीन राशन कार्डधारकों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। 27 सितंबर को मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया कि राज्य खाद्यान्न सुरक्षा योजना के तहत ग्रीन राशन कार्डधारकों की संख्या 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख की जाएगी। साथ ही, इन लाभुकों को उनके पिछले तीन माह के बैकलॉग राशन का भी लाभ मिलेगा।

आपको बता दें, झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत नवंबर 2020 में ग्रीन राशन कार्ड योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत लाभार्थियो को प्रति किलोग्राम चावल ₹1 की दर पर दिया जाता है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सस्ता राशन प्रदान करना है। वर्तमान में राज्य में 17 लाख से अधिक लोग इस योजना के तहत लाभ उठा रहे हैं, लेकिन हाल के फैसले के बाद यह संख्या 25 लाख तक पहुंचने की संभावना है।

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इस बीच मंत्रिपरिषद की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि राशन कार्डधारकों को दिसंबर 2023 से लेकर फरवरी 2024 तक का बैकलॉग राशन आगामी तीन महीनों में दिया जाएगा। इसका मतलब है कि अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2024 के राशन के साथ पिछले तीन महीने का बैकलॉग राशन भी एक साथ प्रदान किया जाएगा। इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी जो किसी कारणवश पिछले कुछ महीनों में राशन नहीं प्राप्त कर पाए थे।

Free Ration Scheme: महीने में 2 बार राशन

सरकार ने ग्रीन राशन कार्डधारकों को राशन वितरण के लिए एक विशेष शेड्यूल जारी किया है। इसके तहत लाभार्थियों को को हर महीने दो बार राशन मिलेगा। इस प्रक्रिया का के तहत अक्टूबर 2024 में 1-15 तारीख तक दिसंबर 2023 का राशन और 16-31 तारीख तक अक्टूबर 2024 का राशन वितरित किया जाएगा। जबकि नवंबर में 1-15 तारीख तक जनवरी 2024 का राशन और 16-30 तारीख तक नवंबर 2024 का राशन दिया जाएगा।

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वहीं आगामी दिसंबर में 1-15 तारीख तक फरवरी का राशन और 16-31 तारीख तक दिसंबर का राशन प्रदान किया जाएगा। मौजूदा समय में राज्य में ग्रीन राशन कार्डधारकों की संख्या 17 लाख के क़रीब बताई जाती है। फिलहाल माना जा रहा है कि चुनाव नजदीक होने के कारण भी सरकार द्वारा ऐसे फ़ैसलों को लेकर तेजी देखनें को मिल रही है। इस फैसले को वोटरों को साधने की एक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।

हालांकि सरकार का यह दावा है कि वह जनता की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठा रही है। सरकार के अनुसार, यह फैसला निश्चित रूप से उन गरीब परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा जो महंगाई आदि के चलते राशन ख़रीद सकने में असमर्थ हैं।

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