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कोलकाता केस: RG Kar मेडिकल कॉलेज में पीड़िता की याद में लगाई गई मूर्ति, हुई आलोचना

कोलकाता केस: RG Kar मेडिकल कॉलेज में पीड़िता की याद में लगाई गई मूर्ति, हुई आलोचना

  • RG Kar मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मूर्ति का अनावरण
  • इसका उद्देश्य पीड़िता द्वारा झेली गई यातना और दर्द को दर्शाना है
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Backlash Over Kolkata Case Victim Sculpture: कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मूर्ति का अनावरण किए जाने का मामला सामने आया है, जो 31 वर्षीय पीड़िता की याद में बनाई गई बताई जा रही थी। यह मूर्ति उस पीजी ट्रेनी डॉक्टर के सम्मान में स्थापित की गई है, जिसकी 9 अगस्त को अस्पताल परिसर में बर्बरता से बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। लेकिन इस मूर्ति को लेकर सोशल मीडिया पर काफी आलोचना भी शुरू हो गई है। लोगों ने ‘असंवेदनशील’ करार दिया है।

इस संबंध में हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रसिद्ध कलाकार असित सैन द्वारा इस मूर्ति को तैयार किया गया है, जिसे ‘Cry of the Hour’ नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य पीड़िता द्वारा झेली गई यातना और दर्द को दर्शाना है। फाइबरग्लास से बनी यह मूर्ति एक महिला के चिल्लाते हुए चेहरे को दिखाती है, जिसे पीड़िता ‘अभया’ का प्रतीक बताया गया है। यह मूर्ति PGB गार्डन के सामने एक मंच पर रखी गई है, जो कि RG Kar मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के ऑफ़िस के पास स्थित है।

मूर्ति के नीचे एक शिलालेख में यह भी लिखा दिखाई दे रहा है कि “यह पीड़िता द्वारा झेली गई ‘भयानक बर्बरता’ को दर्शाने” के लिए बनाई गई है। मूर्ति को देखकर कुछ जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि पीड़िता उनकी सहकर्मी थीं और वह उनके लिए लड़ रहे हैं। यह मूर्ति सुनिश्चित करेगी कि कोई भी उन्हें कभी न भूले।

Backlash Over Kolkata Case Victim Sculpture

वैसे तो इस मूर्ति का अनावरण एक सम्मानजनक प्रयास के रूप में किया गया था, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर कई नकारात्मक प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिलने लगी हैं। कई उपयोगकर्ताओं ने इसे असंवेदनशील और अपमानजनक करार दिया है। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि, “यह असंवेदनशील प्रयास है, एक बलात्कार पीड़िता पर आधारित मूर्ति बनाने का विचार क्यों आया?”

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वहीं कुछ यूजर्स ने इसे “अजीब और अपमानजनक” करार दिया। आलोचकों का कहना है कि ऐसी मूर्ति एक पीड़िता की त्रासदी को जीवंत रखने के बजाय उसकी स्मृति का सम्मान नहीं करती। वहीं, अस्पताल के डॉक्टरों का तर्क है कि यह मूर्ति पीड़िता की यातना का प्रतीक है, न कि कोई वास्तविक स्वरूप दर्शाने का प्रयास।

वैसे इस मूर्ति के अनावरण के बाद, हजारों जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को कोलकाता में न्याय की मांग करते हुए एक विरोध मार्च निकाला। यह मार्च Bengal Junior Doctors’ Front द्वारा आयोजित किया गया था। डॉक्टरों की मांग रही कि पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सरकार निर्णायक कदम उठाए।

इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा में सुधार की दिशा में सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग करना था। डॉक्टरों ने इस घटना के खिलाफ तब तक विरोध जारी रखने का संकल्प लिया है, जब तक कि सरकार कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती।

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