Lucknow protest Hezbollah chief Nasrallah: हमास के समर्थन में हिजबुल्लाह को समर्थन और इजरायल की खिलाफत हिजबुल्लाह को महंगी पड़ी है, बीते दिनों इजरायल ने बेरूत में सीधा हमला करते हुए हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मौत के घाट उतार दिया है। अब इस घटना को लेकर जहां दुनियाभर में ख़ासकर मुस्लिम देशों में इजरायल को लेकर आक्रोश दिख रहा है तो वही कुछ देश ऐसे भी है जो इजरायल का समर्थन कर रहें और इजरायल की कार्यवाई को देश की सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम बता रहे हैं।
इस बीच भारत के उत्तरप्रदेश से शिया समुदाय के मुस्लिमों ने घटना की निंदा करते हुए इजरायल और उसके पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ़ प्रदर्शन किया, शिया समुदाय के मुस्लिमों ने एक किलोमीटर लंबा कैंडल मार्च निकाला और जमकर इसरायल और अमेरिका के खिलाफ नारे लगाए।
लखनऊ में हसन नसरल्लाह के समर्थन में प्रदर्शन
उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में छोटे इमामबाड़ा से बड़े इमामबाड़ा तक हजारों की संख्या में औरतें और नन्हे बच्चों ने हाथ में मोमबत्ती एवं तख्ती लेकर मातम करते हुए जुलूस निकला। नसरल्लाह की मौत के बाद शोक में शिया समुदाय के लोगों ने अपने घरों और धार्मिक इमारतों पर काले झंडे भी लगाए। शियाओं ने PM नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है।
हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह को लेकर प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि वह हमारे बहुत मजबूत लीडर और शिया समुदाय के मार्गदर्शक थे।
हिजबुल्लाह अमेरिका द्वारा घोषित आतंकी संगठन
यूरोपीय संघ ने 22 जुलाई 2013 को हिजबुल्लाह के सैन्य विंग को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया था। ‘हिजबुल्लाह’ को संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अन्य देशों द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में चिन्हित किया गया है। लेबनान पर इजरायली आक्रमण के जवाब में 1982 में गठित, हिजबुल्लाह स्वयं को (अल्लाह की पार्टी) कहता है।
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वही दूसरी ओर इस्लामिक राष्ट्र और मुस्लिमों समुदाय के लोगों का मानना है कि हिजबुल्लाह एक इस्लामी राजनीतिक और सैन्य संगठन है, इसका उद्देश्य इस्राइल के साथ संघर्ष और लेबनान में शिया मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा करना है। हिजबुल्लाह को लेबनान के सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली (Lucknow protest Hezbollah chief Nasrallah) राजनीतिक दलों में से एक माना जाता है।