संपादक, न्यूज़NORTH
Zerodha FY24: भारत के प्रमुख स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म Zerodha ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में ₹8320 करोड़ का राजस्व दर्ज करते हुए लगभग ₹4700 करोड़ का लाभ कमाया है। कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ, नितिन कामत ने एक ब्लॉग पोस्ट में यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस प्रॉफिट में ₹1,000 करोड़ का अनरियलाइज्ड गेन शामिल नहीं है। कंपनी ने शानदार फाइनेंशियल ट्रैक रिकॉर्ड को जारी रखा है।
Zerodha ने पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में 38.5% की सालाना वृद्धि के साथ ₹6875 करोड़ का राजस्व दर्ज किया था, जिसमें ₹2907 करोड़ का लाभ शामिल था। यह 39% की वृद्धि को दर्शाता है। नितिन कामत ने कहा कि पिछले तीन वर्षों की लाभप्रदता के कारण, कंपनी का शुद्ध मूल्य, ग्राहक फंड का लगभग 40% है, जिससे यह ट्रेडिंग के लिए सबसे सुरक्षित ब्रोकर प्लेटफ़ॉर्म कहा जा सकता है।
वहीं प्रतिस्पर्धियों की बात की जाये तो Angel One सक्रिय ग्राहकों के मामले में देश का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक ब्रोकर है। इसने वित्त वर्ष 2024 में ₹1125 करोड़ का शुद्ध लाभ और ₹4272 करोड़ का राजस्व दर्ज किया है।
Zerodha FY24: दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ा?
दिलचस्प रूप से इन आंकड़ों की तुलना Microsoft और Apple, Google जैसी कंपनियों के आँकड़ो से की जा रही है। Microsoft का ऑपरेटिंग मार्जिन इस साल 44% का था, वहीं Apple, Google और Amazon Web Services ने क्रमशः 29%, 31% और 37% का ऑपरेटिंग मार्जिन दर्ज किया। ऐसे में Zerodha का ऑपरेटिंग मार्जिन इन दिग्गज टेक कंपनियों से भी आगे रहा।
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आपको बता दें, Zerodha के अनरियलाइज्ड गेन उनके निवेश पोर्टफोलियो से उत्पन्न होते हैं, जिसमें सोने और इक्विटी में किए गए निवेश शामिल हैं। माना जा रहा है कि यह अनरियलाइज्ड गेन आगामी समय में Zerodha के वित्तीय आंकड़ों को और मजबूत कर सकता है।
वैसे Zerodha आज भी राजस्व के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा डिस्काउंट ब्रोकर है। और अपने लगातार पढ़ते प्रॉफ़िट के चलते कंपनी बाजार में एक मजबूत स्थिति बनाती जा रही है। एक अनुमान के अनुसार, इसके पास लगभग 79 लाख सक्रिय ग्राहक हैं।
वैसे दिलचस्प यह भी है कि भले वित्त वर्ष 2023-24 में Zerodha ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी थोड़े उतार-चढ़ाव को लेकर भी तैयार नज़र आ रही है। असल में देश में लागू हुए कुछ नियामक बदलावों के चलते कंपनी के राजस्व और प्रॉफ़िट मार्जिन पर भी आगामी वित्त वर्ष में असर देखनें को मिल सकता है।
इस बीच खुद सह-संस्थापक के अनुसार, SEBI के नए निर्देशों के तहत ब्रोकरों को वॉल्यूम आधारित छूट नहीं दी जा सकेगी, जिससे राजस्व में 10% की गिरावट आ सकती है। इसके अलावा, SEBI की तरफ से फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग को हतोत्साहित करने के लिए कुछ उपाय भी किए जा सकते हैं, जिससे Zerodha के राजस्व पर 30% से 50% तक प्रभाव पड़ सकता है।