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भारत में सबसे ज्यादा बेरोजगारी पढ़े-लिखे युवाओं में, PLFS ने पेश किए ताजा आंकड़े

भारत में सबसे ज्यादा बेरोजगारी पढ़े-लिखे युवाओं में, PLFS ने पेश किए ताजा आंकड़े

  • रोजगार के आंकड़ों पर पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) की नई रिपोर्ट आई.
  • पढ़े-लिखों में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा -रिपोर्ट
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Highest unemployment among educated youth in India: PLFS (पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे की नई रिपोर्ट में चौकाने वाले खुलासे हुए है, यह खुलासा पढ़े लिखे युवाओं को कतई पसंद नहीं आने वाला लेकिन PLFS के अनुसार भारत में पढ़े लिखे बेरोगजारों की संख्या सबसे अधिक हैं। जी हां भारत में बेरोजगारी दर सबसे अधिक पढ़े लिखे शिक्षित वर्ग के युवाओं की हैं।

PLFS ने अपनी रिपोर्ट में जुलाई 2023 से जून 2024 तक के आंकड़े पेश किए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि भारत में शिक्षित युवाओं की बेरोजगारी दर सबसे अधिक है हालांकि रिपोर्ट बताती है कि इस दौरान बेरोजगारी दर न तो बढ़ी है और न ही कम हुई है।

केरल में बेरोजगारी दर 29.9 प्रतिशत

भारत के सबसे अधिक  शिक्षित आबादी वाले राज्य केरल में बेरोजगारी दर की बात की जाएं तो यह 29.9% 15 से 29 वर्ग के आयु के बेरोजगार युवा है, जिसमें महिलाओं की संख्या 47.1% तो वही पुरुषों की संख्या 19.3% हैं। रिपोर्ट में इस आयु वर्ग में सबसे कम बेरोजगारी दर मध्यप्रदेश और उसके बाद गुजरात में हैं।

अधिक पढ़े लिखें लोगों की बेरोजगारी दर अधिक

भारत में सबसे ज्यादा बेरोजगारी पढ़े-लिखे युवाओं में है, हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की रिपोर्ट आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि 2023 में भारत में जितने बेरोजगार थे, उनमें से 83% युवा थे वही अब PLFS की रिपोर्ट में बताएं गए आंकड़े भी कुछ इसी ओर इशारा कर रहें है। PLFS की सालाना रिपोर्ट से पता चलता है कि जितनी ज्यादा पढ़ाई होगी, बेरोजगारी भी उतनी ज्यादा होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्लोमा, ग्रेजुएशन, पीजी या उससे भी ज्यादा पढ़ाई करने वालों में बेरोजदारी दर 12% से भी ज्यादा है।

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इन आंकड़ों को लेकर भले ही पढ़े लिखें युवाओं के बीच चिंता जरुर बढ़ जाएं लेकिन ऐसी स्थिति के लिए ख़ुद पढ़े लिखें युवा ही जिम्मेदार हैं चूंकि कई बुद्धिजीवियों का मानना है कि कम पढ़े लिखें लोगों मे बेरोजगारी की स्थिति में कुछ भी छोटे बड़े काम को शुरु करके अपना रोजगार शुरू करने की सोच होती है तो वही पढ़े लिखें युवाओं में ऐसी सोच मुश्किल है। वह शिक्षित होने के बाद अपनी योग्यता के आधार पर काम तलाशते हैं, जिस कारण उनमें बेरोजगारी दर ज्यादा (Highest unemployment among educated youth in India)  होती है।

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