Cases of fake Ayushman cards came to light: उत्तर प्रदेश से फर्जी आयुष्मान कार्ड के द्वारा इलाज करवाएं जानें के मामले सामने आने लगे है, कई लोगों द्वारा सरकार के साथ 420 करने के मामले प्रकाश में आने के बाद आयुष्मान योजना के द्वारा इलाज की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है, अब आयुष्मान योजना के द्वारा वैध व्यक्ति को उचित इलाज मिल सकें इसलिए दोहरी वेरिफिकेशन प्रकिया से गुजरना होगा, अब नई प्रकिया में आयुष्मान कार्ड के साथ साथ हितग्राहियों को अपने राशन कार्ड भी साथ लाने होंगे। राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड में हितग्राही की पहचान होने के बाद ही इलाज की प्रक्रिया शुरू की जायेगी।
यूपी से उतराखंड इलाज के लिए पहुंचते लोग
पूर्वी उत्तर प्रदेश से बडी संख्या में इलाज के लिए लोग उत्तराखंड की राजधानी के दून अस्पताल और कोरोनेशन सहित अन्य सरकारी अस्पताल , निजी स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार के लिए पहुंचते है। अब ऐसे लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ पोर्टल और आयुष्मान कार्ड की जानकारी सहित राशनकार्ड में उल्लेखित जानकारी के मिलान के बाद ही किया जायेगा, यदि किसी व्यक्ति की जानकारी में भिन्नता पाई जाती है तो उसे उपचार से वंचित रहना पड़ेगा। ऐसे में जो पात्र हितग्राही है, वे सब अपने आयुष्मान कार्ड और राशन कार्ड में जरुरी अपडेट और सुधार संबंधित संस्थानों से करवा ले।
आयुष्मान सोसायटी का निर्देश
दोहरे वेरिफिकेशन की इस प्रकिया का निर्देश आयुष्मान सोसायटी के निर्देशों के बाद अस्पताल में जारी किए गए हैं। आपको बता दे, आयुष्मान कार्ड के जरिए 5 लाख तक का मुफ़्त इलाज सरकार की ओर से किसी भी सरकारी या निजी स्वास्थ्य संस्था द्वारा किया जाता है, जिस वहन सरकार द्वारा उठाया जाता है।
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गौरतलब हो, यह सख्ती तब शुरू की गई जब दून अस्पताल में 411 मरीजों के उपचार संबंधी आपत्ति आयुष्मान सोसायटी द्वारा लगाई गई आपत्तियों का जवाब डॉक्टरों द्वारा नही दिया गया, यह क़रीब 74 लाख रुपए के उपचार का मामला है, वही 1800 केस में से 1200 केस क्लेम कर दिए गए, इनमें भी ऐसी ही (Cases of fake Ayushman cards came to light) गुंजाइश होने की संभावना हैं।