संपादक, न्यूज़NORTH
Punjab Doctors Strike Update: पंजाब के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं आने वाले दिनों में बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं, क्योंकि पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (PCMSA) ने अपनी लंबित मांगों को लेकर तीन चरणों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। डॉक्टरों की इस हड़ताल का मुख्य कारण अस्पतालों में उनकी सुरक्षा और नियमित वेतन बढ़ोतरी की मांग है। अगर सरकार के साथ इन मांगों पर सहमति नहीं बनाती है, तो राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था व्यापक तौर पर प्रभावित हो सकती है।
असल में डॉक्टर लंबे समय से अस्पतालों में सुरक्षा के साथ-साथ नियमित वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि पंजाब सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा और वेतन वृद्धि पर ध्यान नहीं दे रही है। PCMSA के प्रधान अखिल सरीन ने बताया कि डॉक्टरों की प्रमुख मांग है कि सरकार डॉक्टरों के वेतन में नियमित रूप से बढ़ोतरी करने का आदेश जारी करे। इसके साथ ही अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर ठोस इंतजाम किए जाएं, क्योंकि आज के माहौल में बिना उचित सुरक्षा के डॉक्टरों का काम करना जोखिम भरा हो गया है।
Punjab Doctors Strike
इस संबंध में 11 सितंबर को पंजाब सरकार की कैबिनेट सब कमेटी और PCMSA के बीच एक बैठक होने जा रही है, जिसमें डॉक्टरों की सभी मांगों पर विचार किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आ रही जानकारी के अनुसार, इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा करेंगे। बैठक पर डॉक्टर्स की तमाम मांगो को लेकर चर्चा होने की संभावना है।
लेकिन अगर इस बैठक में कोई समाधान नहीं निकालता तो डॉक्टरों की हड़ताल और भी तेज हो सकती है। इस बीच हिंदुस्तान की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों की ये हड़ताल तीन फेज में हो सकती है। पहले फेज की शुरुआत 9 सितंबर से हो रही है, जो 11 सितंबर तक चलेगा।
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ऐसे में आज लगभग आधा दिन सेवाओं के प्रभावित होने की बात सने आई है। सुबह 8-11 तक ओपीडी बंद रहेगी, लेकिन आपातकालीन सेवाएँ चालू रहेंगी। दूसरा फेज 12-15 सितम्बर और तीसरा 16 सितम्बर से शुरू हो सकता है। माना जा रहा है कि मांगो के पूरा ना होने पर डॉक्टर्स हड़ताल का दायरा भी बढ़ा सकते हैं।
लोगों को होगी परेशानी
जाहिर है इस हड़ताल का सीधा असर पंजाब के आम नागरिकों पर पड़ने वाला है। OPD सेवाओं के बंद होने से मरीजों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ेगा। इसके अलावा, सिजेरियन ऑपरेशन और सर्जरी को छोड़कर अन्य सभी ऑपरेशन भी प्रभावित हो सकते हैं, ऐसे में मरीजों को काफी परेशनियों का भी सामना करना पड़ सकता है।