Marriage age of girls in Himachal Pradesh: भारत में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष निर्धारित की गई है, लेकीन इन उम्र को लेकर ज्यादातर लोगों का मानना है कि इस उम्र में लड़कियों की शादी होना कई बड़ी परेशानियों का कारण बनता है, जिसे लेकर लम्बे समय से लड़कियों की न्यूनतम उम्र सीमा को बढ़ाए जानें की मांग देश के भीतर से उठती रही हैं।
इस बीच लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाएं जानें वाली मांग को देश के एक प्रदेश में विधानसभा में विधेयक पारित करके अन्य राज्यों के लिए मिशाल पेश की है। जी हां! हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में लड़कियों के विवाह की उम्र को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 साल करने का विधेयक विधानसभा में पारित करवा लिया है। जिसके बाद से अब राज्य में लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 साल हो चुकी है।
राज्य मंत्रिमंडल ने सात महीने पहले ही मंजूरी दे दी
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बिना किसी चर्चा के सर्वसम्मति के साथ एक मत में सभी पार्टियों के विधायकों ने इसकी मंजूरी दी, जिसके बाद इसे बिना चर्चा के सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। अब इस बिल को मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा। बिल पास होने से पूर्व आज मॉनसून सत्र में राज्य के स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल ने बाल विवाह प्रतिषेध (हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक, 2024) प्रस्तुत किया था।
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आपको बता दे, इसके संशोधित ड्राफ्ट को राज्य मंत्रिमंडल ने सात महीने पहले ही मंजूरी दे दी थी। आज सदन में संशोधन विधेयक पारित हो गया।
लड़कियों के स्वास्थ्य और पढ़ाई में होता असर
कम उम्र में शादी होने से लड़कियों की पढ़ाई और स्वास्थ्य में नकारत्मक प्रभाव पड़ता है। हालांकि भारत सरकार ने लड़कियों की न्यूनतम शादी की उम्र को अब तक 18 वर्ष की हुई है, लेकिन कई चिकित्सक विशेषज्ञ और सामाजिक और बुद्धिजीवी वर्गो के लोगों का मानना है, लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर और अधिक करने से शिक्षा के अलावा लड़कियों के शादी के बाद मां बनने के दौरान गर्भावस्था के दौरान (Marriage age of girls in Himachal Pradesh) स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कम होने की संभावना हैं।