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कोलकाता केस: सोशल मीडिया से हटानी होगी पीड़िता की फोटो-वीडियो और नाम, सुप्रीम कोर्ट का फरमान

कोलकाता केस: सोशल मीडिया से हटानी होगी पीड़िता की फोटो-वीडियो और नाम, सुप्रीम कोर्ट का फरमान

  • सोशल मीडिया बन रहा प्राइवेसी के लिए चुनौती?
  • कोलकाता केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
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Kolkata Doctor Case, SC Orders To Remove Name Photos Videos: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम आदेश जारी किया, जिसमें कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या के मामले में पीड़ित महिला डॉक्टर की व्यक्तिगत जानकारी को सोशल मीडिया से हटाने का निर्देश दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन जजों की पीठ ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए यह कदम उठाया।

आदेश में कहा गया, इस मामले में मृतक का नाम, तस्वीरें और वीडियो क्लिप को तुरंत सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हटाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि यौन उत्पीड़न के शिकार व्यक्ति की पहचान को सार्वजनिक करना, कोर्ट के पहले के आदेशों का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में मृतक की पहचान और शव की तस्वीरें सार्वजनिक की गई हैं, जो काफी चिंताजनक है।

Kolkata Case: SC Orders 

बता दें, सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता व जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा समेत तीन जजों की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की थी। पीठ ने यह आदेश वकील किनोरी घोष और अन्य की याचिका पर दिया, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि मृतक की नाम और तस्वीरें फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर फैल गए हैं।

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सर्वोच्च अदालत ने साफ किया कि मीडिया और सोशल मीडिया पर इस तरह की जानकारी का प्रसार न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि मानवीय संवेदनाओं के खिलाफ भी है। दिलचस्प रूप से कोर्ट ने अभिव्यक्ति की आजादी का जिक्र करते हुए कहा कि यह भले मौलिक अधिकार है, लेकिन इसके लिए भी कुछ मानक तय किए गए हैं।

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आपको बता दें, इस फैसले के दौरान कोर्ट ने 2018 में निपुण सक्सेना केस का भी ज़िक्र किया और कहा कि दुष्कर्म के पीड़ित व्यक्ति का नाम और पहचान की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती। जाहिर है डिजिटल व सोशल मीडिया के इस दौर में प्राइवेसी एक बड़ी चुनौती बन चुकी है और इसका असर तमाम मोर्चों पर दिखता है।

टास्क फोर्स का गठन

इसके पहले अदालत ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स गठित करने का आदेश दिया था। इस टास्क फोर्स का काम देशभर के अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के उपायों का अध्ययन करना और संबंधित सुझाव देना होगा। चीफ जस्टिस ने कहा कि यह टास्क फोर्स देशभर के अस्पतालों में वरिष्ठ और सहयक डॉक्टरों के लिए सुरक्षा उपायों को पुख्ता करने के लिए अपने सुझाव पेश करेगी।

Kolkata Case SC Orders: क्या है मामला?

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर के साथ रेप और फिर हत्या की पुष्टि हुई थी। इसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। मेडिकल कॉलेज के छात्रों और देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल करते हुए न्याय की मांग की। इस घटना ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना को लेकर पूरे देश में भारी विरोध हो रहा है।

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