Now Reading
जम्मू-कश्मीर में सुबह-सुबह कांपी धरती, भूकंप के कई झटके, तीव्रता 4.9

जम्मू-कश्मीर में सुबह-सुबह कांपी धरती, भूकंप के कई झटके, तीव्रता 4.9

  • जम्मू-कश्मीर के बारामूला में भूकंप के झटके
  • सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर महसूस किया गया
jammu-kashmir-earthquake-magnitude-4-9-update

Jammu Kashmir Earthquake: जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में मंगलवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.9 मापी गई। भूकंप का केंद्र जमीन के 5 किलोमीटर नीचे स्थित था, जिससे ग़नीमत ये रही जान-माल का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। भूकंप के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ पड़े।

आपको बता दें, यह भूकंप आज यानी मंगलवार की सुबह 6:45 बजे आया, जिससे लोग घबरा गए और उनके बीच दहशत का माहौल बन गया। बारामूला में भूकंप कोई नया नहीं है। इस साल 12 जुलाई को भी भारत और पाकिस्तान की सीमा पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब भूकंप की तीव्रता 4.1 थी, और इसका केंद्र सतह से 10 किलोमीटर नीचे था।

Jammu Kashmir Earthquake

कहा जा सकता है कि बारामूला के लोग भूकंप के झटकों से परिचित हैं, लेकिन हर बार जब भूकंप आता है, तो डर का माहौल जरूर बनता है। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि इसी साल फरवरी के महीने में कारगिल और लद्दाख में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.2 मापी गई थी। भूकंप के कारण जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था। इससे पहले दिसंबर में भी भूकंप आया था।

See Also

क्यों आता है भूकंप?

बता दें, पृथ्वी की सतह के नीचे सात प्रमुख टेक्टोनिक प्लेट्स मौजूद हैं जो निरंतर गतिशील रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या इनमें कोई हलचल होती है, तो भूकंप पैदा होता है। जाहिर है बारामूला में आए इस भूकंप के पीछे भी यही कारण था। हालांकि, इस बार भूकंप की तीव्रता कम होने के कारण कोई बड़ी तबाही नहीं हुई।

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

भूकंप के लिहाज़ से जम्मू-कश्मीर का क्षेत्र भारत के कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में गिना जाता रहा है। हाल के दिनों में कमजोर तीव्रता के ही सही लेकिन भारत के कई क्षेत्रों में भी रह-रह कर भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। यह भी देखनें को मिल रहा है कि तमाम अन्य प्राकृतिक घटनायें व आपदाएँ भी देश के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं। शायद यह सही समय है कि सभी को विकास और प्रकृति के बीच संतुलन जैसे अहम विषय पर गंभीरता से सोचना शुरू करना होगा।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.