संपादक, न्यूज़NORTH
SEBI Chief Madhabi Buch News: ऐसा लगता है कि हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अभी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की प्रमुख माधबी पुरी बुच की मुश्किलें कम नहीं होने वाली। अब उन्हें लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसने एक अन्य विवाद को जन्म दिया है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि SEBI चीफ ने नियमों को ताक पर रख, पद पर रहते हुए भी एक प्राइवेट कंसल्टेंसी फर्म से कमाई की।
जी हाँ! हम बात कर रहे हैं, हाल में सामने आई रॉयटर्स की एक रिपोर्ट की, इसने दस्तावेज़ों के हवाले ये माधबी पुरी बुच के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने अपने सेबी कार्यकाल के दौरान एक कंसल्टेंसी फर्म से कमाई की। यह आरोप सेबी के नियमों का उल्लंघन करने की ओर इशारा करते हैं और एक बार फिर माधबी पुरी बुच को सुर्खियों में ला दिया है।
SEBI Chief Madhabi Buch पर आरोप
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, माधबी पुरी बुच ने 2017 से 2022 के बीच सेबी में अपनी सेवा के दौरान एक कंसल्टेंसी फर्म से करोड़ों की कमाई की है। रिपोर्ट में कहा गया कि एगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी में बुच की 99% हिस्सेदारी है और इन सात वर्षों में बुच ने इससे ₹3.7 करोड़ की कमाई की है। रिपोर्ट के अनुसार, यह जानकारी भारतीय कंपनी रजिस्ट्रार के आधिकारिक दस्तावेजों से मिली है।
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ध्यान देने वाली बात ये है कि सेबी के नियमों के तहत, यह स्पष्ट रूप से अधिकारियों के लिए अस्वीकार्य है कि वे किसी अन्य व्यावसायिक गतिविधि से आय प्राप्त करें। हाल में अमेरिकी शॉर्ट सेलर, हिंडनबर्ग रिसर्च ने भी माधबी पुरी बुच पर अडानी समूह के खिलाफ चल रही सेबी जांच में हितों के टकराव का आरोप लगाया है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया कि बुच और उनके पति द्वारा संचालित दो कंसल्टेंसी फर्मों ने अडानी समूह के मामले में संदिग्ध भूमिका निभाई है। आरोप था कि जिन ऑफ़शोर कंपनियों ने कथित रूप से अडानी की कंपनियों ने अवैध ढंग से निवेश किया, उनमें से एक में बुच दंपत्ति ने भी निवेश कर रखा था। यह आरोप ऐसे समय में सामने आए हैं जब सेबी अडानी समूह के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहा है।
माधबी पुरी बुच ने क्या कहा?
इस बीच माधबी पुरी बुच ने 11 अगस्त को दिए गए अपने बयान में अडानी समूह से जुड़े आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने इसे अपने खिलाफ चरित्रहनन की कोशिश बताया। हालांकि, बुच अपने तर्कों से पूरी तरह आरोपों का खंडन करने में सफल हुई या नहीं, इस बारे में तो नहीं कहा जा सकता। लेकिन नई रिपोर्ट ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
जाहिर है ऐसे समय में माधबी पुरी बुच पर लगे ये आरोप न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए बल्कि सेबी की साख के लिए भी चिंता खड़ी कर सकते हैं। पहले हिंडनबर्ग और अब रॉयटर्स की रिपोर्ट, दोनों ने भारत में एक नए गंभीर मुद्दे उठाए हैं।