संपादक, न्यूज़NORTH
Bangladesh New Prime Minister After Sheikh Hasina?: बांग्लादेश संकट को देखते हुए अब देश अराजकता की ओर धकेलता नजर आ रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना कल ही अपने पद से इस्तीफा देकर भारत आ चुकी हैं और सामने आ रही ख़बरों के अनुसार कथित रूप से ब्रिटेन या फिनलैंड में शरण लेने की कोशिश में हैं। फिलहाल बांग्लादेश के हालात बहुत ही ख़राब हैं और प्रधानमंत्री भवन में लोग जमकर लूटपाट भी करते देखे जा सकते हैं।
अभी बांग्लादेश की कमान सेना के हाथों में है और कल ही सेना के प्रमुख ने जल्द से जल्द देश में एक अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की थी। इस बीच देश का नया प्रधानमंत्री कौन होगा, इस अंतरिम सरकार की कमान किसे सौंपी जाएगी, इसको लेकर अब तरह-तरह की अटकलें और अपडेट सामने आने लगी हैं।
Bangladesh New Prime Minister?
देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में जिसका नाम सबसे आगे बताया जा रहा है, वह हैं नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री डॉ. मोहम्मद युनूस। जी हाँ! असल में बांग्लादेश के आंदोलनकारी छात्र संगठन ने इसका ऐलान भी किया है। संगठन का कहना है कि अंतरिम सरकार का नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री डॉ. मोहम्मद युनूस के हाथों में सौंप जाएगा।
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इसका ज़िक्र खुद स्टूडेंट मूवमेंट के प्रमुख नेता नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद और अबू बकर मजूमदार ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से किया। उन्होंने कहा कि डॉ. युनूस की अगुवाई में अंतरिम सरकार देश की स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
डॉ. युनूस ने क्या कहा?
आपको बता दें, इसके पहले शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद ही डॉ. युनूस ने उनपर जमकर हमला बोला। उन्होंने शेख हसीना पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने बांग्लादेश को एक तानाशाही शासन के तहत रखा और देशवासियों को किसी गुलाम जैसी जिंदगी जीने पर मजबूर किया। युनूस ने कहा कि अब जब हसीना सत्ता से बाहर हो चुकी हैं, लोग आज़ादी का एहसास कर रहे हैं।
दिलचस्प रूप से शेख हसीना के शासन के दौरान डॉ. युनूस के खिलाफ लगभग 190 मुकदमे दर्ज किए गए थे। युनूस ने हसीना की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा है कि उनकी सरकार ने बांग्लादेश की लोकतांत्रिक परंपराओं को नुकसान पहुँचाया और चुनावों में धांधली की।
इसके साथ ही आरक्षण के मुद्दे पर भी हसीना को घेरते हुए, युनूस ने कहा कि हसीना की सरकार ने कोटा व्यवस्था में बदलाव की मांग को नजरअंदाज किया और इसके विरोध में उठने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की, जिससे देश में हिंसा का माहौल बन गया।
इस बीच डॉ. युनूस ने यह भी उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में अब स्वस्थ और पारदर्शी चुनाव होंगे और देश लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखेगा। उनके अनुसार, आने वाले दिनों में बांग्लादेश एक खूबसूरत और समृद्ध राष्ट्र के तौर पर उभर सकेगा। लेकिन इस बीच देखना यह दिलचस्प होगा कि सेना कब तक अंतरिम सरकार के गठन की कार्यवाई शुरू करती है और इसकी कमान किसे दी जाएगी? क्योंकि एक तबका यह भी कह रहा है कि सेना के प्रमुख कुछ अप्रत्याशित कदम भी उठा सकते हैं।