Government fines Zerodha and its founder: 2010 में बेंगलुरु स्थित भारतीय वित्तीय सेवा कंपनी मे से एक Zerodha को एक बड़ा झटका लगा है, कंपनी के निर्देशक समूह को भारत सरकार के कॉरपोरेट मंत्रालय (MCA) द्वारा तय समय सीमा के भीतर कंपनी के चीफ़ फाइनेंसर ऑफिसर (CFO) की नियुक्ति न करने के लिए जुर्माना लगाया गया है।
जानकारी के मुताबिक़, कंपनी में CFO की नियुक्ति न करने को लेकर कंपनी प्रबंधक की ओर से जनवरी 2024 में मंत्रालय को सूचना देते हुए यह बात स्वीकार की गई थी।
उन्होंने अपनी गलती स्वीकारते हुए पत्र के माध्यम से कहा था कि, कंपनी में सीएफओ की नियुक्ति नही हुई है, जो कंपनी एक्ट 2013 की धारा 203 का उल्लंघन है।
क्या है, धारा 203 एक्ट 2013?
दरअसल सार्वजनिक कंपनिया मतलब ऐसी कंपनी जिनके शेयर कैपिटल संख्या 10 करोड़ से अधिक हो, इन्हें कंपनी संगठन के बाद अहम मैनेजरियल पदों मे फुल टाइम नियुक्ति करनी होती है। इसमें सीएफओ भी एक महत्त्वपूर्ण पद होता है, परंतु Zerodha ने लंबे समय तक कंपनी में CFO के पद में किसी की नियुक्ति नही की, जिस वजह से अब MCA ने कंपनी के निर्देशक मंडल के ऊपर कार्रवाई की है।
किसे – किसे लगा जुर्माना?
MCA ( कॉरपोरेट मंत्रालय) की ओर से Zerodha कंपनी के ऊपर अधिकतम जुर्माना 5 लाख रुपए लगाया गया है, जो कंपनी के डॉयरेक्टर राजन्ना भुवनेश के ऊपर लगा है। इसके बाद कंपनी के संस्थापक और डायरेक्टर नितिन कामथ के ऊपर 4.08 लाख, कंपनी के सीईओ विशाल वीरेंद्र जैन 3.5 लाख, कंपनी की सचिव शिखा सिंह 3.45 लाख, निदेशक निथ्या ईश्वरन 1.5 लाख, और निदेशक तुषार महाजन को 1.5 लाख जुर्माना लगाया गया है।
MCA की कार्यवाई के बाद Zerodha का बयान?
कॉरपोरेट मंत्रालय के जुर्माने के आदेश को लेकर कंपनी की ओर से बयान भी आया है, कंपनी के सीईओ विशाल जैन ने कहा कि इस आदेश में कंपनी के गठन के बाद लेकिन कारोबार शुरू होने से पहले के समय को भी जोड़ा गया है।
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कंपनी की ओर से सीएफओ की नियुक्ति में 6 महीने की देरी हुई थी, जिसकी सूचना स्वयं कंपनी की ओर से दी गई थी। हम आदेश का विरोध कर रहे है, 16 जुलाई 2024 को इस आदेश के खिलाफ हैदराबाद के रीजनल डायरेक्टर के सामने (Government fines Zerodha and its founder) मामले को लेकर अपील दायर की गई है।