संपादक, न्यूज़NORTH
Google Gemini In India: आज के दौर में जब आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेन्स इतनी चर्चित तकनीक बन चुकी है तो ऐसे में भला दुनिया की सबसे बड़ी टेक दिग्गज में से एक Google इससे कैसे अछूता रह सकता था। यही वजह थी कि ChatGPT की लोकप्रियता को देखते हुए Google ने खुद का AI मॉडल Gemini पेश किया। और अब इस एआई मॉडल को लेकर कुछ अनोखी बातें सामने आई हैं, खासकर भारत के परिपेक्ष में!
असल में इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट में Google Deepmind के कार्यकारी अधिकारी मनिश गुप्ता के साथ बातचीत में यह सामने आ सका है कि Google के मल्टीमॉडल एआई Gemini को फिलहाल दुनिया भर में 15 लाख से अधिक डेवलपर्स इस्तेमाल कर रहे हैं।
Google Gemini In India
रिपोर्ट के अनुसार, इस बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि ‘मौजूस समय में वैश्विक रूप से 15 लाख (1.5 मिलियन) से अधिक डेवलपर्स Google के Gemini मॉडल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। Geminiके साथ सबसे तेज़ी से काम करने का तरीका Google AI Studio के माध्यम से संभव है और आज भारत Google AI Studio पर सबसे बड़े डेवलपर बेस में से एक है।’
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इससे भी दिलचप बात ये है कि Gemini का इस्तेमाल करने वाले कुल उपयोगकर्ताओं में से प्लेटफॉर्म पर सबसे बड़ा उपयोगकर्ता आधार भारत से है। जी हाँ! डेवलपर्स द्वारा उपयोग के लिहाज से Gemini भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने यह बात तब कही जब गूगल का वार्षिक डेवलपर सम्मेलन Google I/O कुछ ही दिनों में आयोजित होने वाला है।
ईटी के साथ बातचीत में उन्होंने यह भी बताया कि Gemini 1.5 Pro में उपलब्ध 2 मिलियन टोकन की विंडो अब सभी भारतीय डेवलपर्स के लिए उपलब्ध है। असल में इसकी मदद से Gemini को एक ही अनुरोध में अधिक जानकारी प्रोसेस करने और समझने की क्षमता मिलती है। इसका इस्तेमाल कर Gemini अधिक सटीक और व्यापक परिणाम प्रदान करने में सक्षम बन सकता है।
इसके साथ ही Google द्वारा पेश किया जा रहा Gemini 2 मॉडल AI इनोवेशन को अगले स्तर पर ले जाते हुए नेक्स्ट जनरेशन ओपन मॉडल्स के एक नए संस्करण का रूप होगा। साथ ही यह भी सामने आया है कि इसमें बेहतर प्रदर्शन और सुरक्षा सुधार के साथ 9 बिलियन से लेकर 27 बिलियन पैरामीटर साइज में मॉडल्स उपलब्ध हैं, जो NVIDIA के नई पीढ़ी के जीपीयू पर ऑप्टिमाइज़ किए गए हैं।
आपको बता दें, यह खबर ऐसे समय में आई है जब भारत सरकार खुद AI के बढ़ते स्वरूप को लेकर सजग दिखाई पड़ रही है। हाल में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के द्वारा AI क्षेत्र को लेकर शुरू किए गए Bhashini प्रोग्राम के तहत भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के एआई और रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी पार्क (ARTPARK) ने प्रोजेक्ट वाणी (Project Vaani) के लिहाज से 80 जिलों से 16,000 घंटे की स्वाभाविक स्पीच कंटेंट को ओपन-सोर्स करने की योजना बनाई है। दिलचस्प रूप से यह भी Google की साझेदारी के साथ किया जाएगा।