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NEET UG 2024 Supreme Court: ‘रि-एग्जाम आखिरी विकल्प?’, अगली सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख तय

NEET UG 2024 Supreme Court: ‘रि-एग्जाम आखिरी विकल्प?’, अगली सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख तय

  • NEET UG परीक्षा रद्द करने वाली याचिकाओं में सोमवार (8 जुलाई 2024) को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई.
  • सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी NEET UG का प्रश्नपत्र लीक हुआ है.
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NEET UG 2024 Supreme Court: आज सुप्रीम कोर्ट में NEET-UG प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक से लेकर अभ्यर्थी की जगह किसी अन्य के परीक्षा देने तक बड़े पैमाने पर कथित अनियमितताओं को लेकर, पूरी परीक्षा को रद्द करने सबंधित मांग को लेकर 30 से अधिक याचिकाओं पर सोमवार (8 जुलाई 2024) को सुनवाई शुरू की।

इस दौरान कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपनी टिप्पणी में कहा कि, जो हुआ उससे इनकार नहीं किया जा सकता है। परीक्षा की गोपनीयत भंग हुई है, परीक्षा को दोबारा आयोजित किया जाना चाहिए?

कोर्ट परीक्षा की शुचिता भंग हुई

NEET UG की 5 मई को आयोजित की गई परीक्षा को लेकर कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा,

“एक बात स्पष्ट है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है।”

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, “यदि परीक्षा की शुचिता नष्ट हो जाती है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा। यदि हम दोषियों की पहचान करने में असमर्थ हैं, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा।”

कोर्ट ने आगे कहा, लेकिन हम यह पहचान करने में सफल हो जाते है कि लीक हुए परीक्षा पेपर से किन्हें लाभ पहुंचा है, तो दोबारा परीक्षा की जरूरत नहीं होगी।

11 जुलाई को नीट यूजी मामले की अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में अलग अलग याचिकार्ताओं के ओर से पेश वकीलों से सीजेई ने परीक्षा को रद्द करने वाली मांग को लेकर उचित दलील देने के लिए 10 जुलाई की तारीख दी है, कोर्ट ने कहा है, उक्त सभी लोग उचित दलील दे, परिक्षाओं को क्यों पूरी तरह रद्द किया जाए और साथ ही फिर से एक बार परीक्षा क्यों ली जाएं। इसकी अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किए जानें की बात भी कही।

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24 लाख छात्रों की परीक्षा रद्द करना बड़ी बात

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘अगर लीक टेलीग्राम/ व्हॉट्सएप… इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से होता है तो ये जंगल की आग की तरह फैलता है। जबकि अगर ये 5 मई की सुबह हुआ होगा, तो सीमित दायरे में फैला होगा।

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ऐसे में हमें दोषियों की पहचान करने की आवश्कता है, पूरी तरह परीक्षा रद्द करना 24 लाख छात्रों के भविष्य का सवाल है। हमें भूसे में से दाने अलग करने होंगे ताकि सिर्फ उन्हीं जगहों पर री-एग्जाम लिया जाए जहां गड़बड़ी हुई।’

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