Electricity demand in India may exceed 400 GW: बढ़ते इलेक्ट्रिक गेजेट और हर छोटे बड़े कामों में विद्युत उपकरण की आवश्कता ने धीरे धीरे भारत में बिजली की मांग में निरंतर बढ़ोतरी की है। आज भारत में बढ़ती बिजली की मांग पूर्ति के लिए बिजली उत्पादन संयंत्रो का निर्माण किया जा रहा है, जिससे देश में प्रत्येक नागरिक और उपभोक्ताओं को पर्याप्त मात्रा में बिजली आपूर्ति की जा सकें और बिजली की मांग के हिसाब से बाधा रहित पूर्ति की जा सके।
इन सब तैयारियों और बढ़ती हुई बिजली की मांग को लेकर बिजली सचिव बिजली सचिव पंकज अग्रवाल ने मंगलवार (2 जुलाई 2024) को एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि,
“भारत की सर्वाधिक बिजली मांग 2031-32 तक अनुमानित 384 गीगावाट के आंकड़े और 400 गीगावाट (GW) के नए स्तर को भी आसानी से पार कर सकती है।”
2024 मई में 250 गीगावाट पहुंची मांग
बिजली की मांग भारत में इस कदर बढ़ रही है कि जहा सरकार ने 2024 वर्ष में अधिकतम बिजली की मांग 260 गीगावाट रहने का अनुमान लगाया था, वही भारत में बिजली की मांग मई माह में ही 250 गीगावाट के स्तर पर पहुंच चुकी है। ऐसे में अधिकारीयों ने अनुमान लगाया है, बिजली की अधिकतम मांग 2024 सितंबर में ही 260 गीगावाट के स्तर पर पहुंच सकती है।
राज्यों से बिजली की मांग बढ़ी
बिजली सचिव पंकज अग्रवाल ने बढ़ती बिजली की मांग को लेकर अपने बयान में कहा, पिछले दो वर्षों में कुछ राज्यों में बिजली की मांग बढ़ी है…उससे यह मांग 2031-32 तक 384 गीगावाट तक पहुंच जाएगी, ऐसे में हमारे पास 900 गीगावाट की स्थापित (बिजली उत्पादन) क्षमता होनी चाहिए।
आपकों बता दे, अग्रवाल का इशारा बढ़ती हुई बिजली की मांग के लिए अतरिक्त उत्पादन और अधिक सुविधाएं बढ़ाने की ओर था, जिससे आने वाले सालों में बिना बाधा के पर्याप्त रूप से देश में बिजली आपूर्ति की जा सके।
न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!
मानसून की शुरुआत में बिजली की मांग में गिरावट
देश में मानसून की शुरुआत होने के बाद बिजली की मांग में गिरावट का जिक्र भी अग्रवाल ने मीडिया से चर्चा के दौरान की उन्होंने बताया कि, मानसून की शुरुआत में पिछले कुछ दिनों से बिजली की अधिकतम मांग में गिरावट का रुख (Electricity demand in India may exceed 400 GW) देखने को मिल रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सोमवार (1 जुलाई 2024) को बिजली की अधिकतम मांग 209 गीगावाट थी।