Nalanda University started after 800 years: आज बिहार सहित भारत के लिए एक स्वर्णिम अवसर है, चूंकि बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए शिक्षण परिसर का शुभारंभ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार (19 जून 2024) को किया।
भारत में 800 वर्ष पूर्व दुनिया भर में उच्च शिक्षा का केंद्र रही नालंदा विश्वविद्यालय को मुस्लिम अक्रांता बख्तियार खिलजी ने जला दिया था और उसके बाद वर्षो से दुनिया भर के देशों के लिए शिक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला संस्थान के सिर्फ़ अवशेष ही बचे थे।
800 साल बाद नए रूप में लौटा
आपको बता दे, मार्च 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरूद्धार का प्रस्ताव रखा था, 2010 में संसद ने इसके पुन स्थापना की अनुमति प्रदान की। केंद्र में भाजपा शासित सरकार आने के बाद इसके निर्माण कार्य में तेजी आई और 2017 में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर निर्माण शुरू हुआ।
नेट जीरो कैंपस वाला नया परिसर
राजगीर में पुराने नालंदा विश्वविद्यालय परिसर के अवशेषों के पास तैयार नया परिसर भवन एक नेट जीरो ग्रीन कैंपस है। इसमें 6.5 मेगावाट सोलर पावर संयंत्र, 500 केएलडी घरेलू और पेयजल संयंत्र और अपशिष्ट जल के दोबारा इस्तेमाल के लिए 400 केएलडी वाटर रिसाइकलिंग प्लांट है।
परिसर में 1.2 मेगावाट का एसी बायोगेस आधारित ऊर्जा संयंत्रों को लगाने का काम अपने अंतिम रूप में है। नालंदा विश्वविद्यालय की पुराना पुस्तकालय दुनियाभर में प्रसिद्ध था, इसी को देखते हुए नए परिसर में भी पुस्तकालय को भव्य बनाने की कोई कोर कसर नही छोड़ी गई है।
नए परिसर में 300000 पुस्तकों को रखने और 3000 से अधिक छात्रों को एक साथ बैठने और पढ़ने की सुविधा प्रदान करने के लिए एक भव्य पुस्तकालय के (Nalanda University started after 800 years) सितंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
बुधवार को नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर के उद्घाटन समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और 17 देशों के राजदूतों समेत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए। कार्यक्रम में शामिल होने से पूर्व प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि,
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‘यह हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत खास दिन है। नालंदा का हमारे गौरवशाली अतीत से गहरा नाता है। यह विश्वविद्यालय निश्चित रूप से युवाओं की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने में बहुत मददगार साबित होगा।’