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जगन्नाथ पुरी मंदिर: आखिरकार! श्रद्धालुओं के लिए खोले गए मंदिर के चारों द्वार

जगन्नाथ पुरी मंदिर: आखिरकार! श्रद्धालुओं के लिए खोले गए मंदिर के चारों द्वार

  • जगन्नाथ पुरी मंदिर के चारों द्वार खोले गए
  • कोरोना के समय 3 द्वार बंद किए गए थे
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Jagannath Puri Temple Now All Gates Are Open: ओडिशा के पुरी में स्थित विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को एक बहुत बड़ा तोहफा मिला है। आज 13 जून को मंगला आरती के साथ ही मंदिर के चारों द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। अब भक्तों को भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और न ही मंदिर परिसर में लंबी कतारों के चलते कोई असुविधा जैसी स्थिति पैदा होगी।

असल में यह कदम नवगठित राज्य सरकार की पहली कैबिनेट बैठक के बाद उठाया गया। ओडिशा के नए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की मौजूदगी में ही आज सभी द्वार खोले गए। इस दौरान मुख्यमंत्री माझी ने बताया कि 12 जून को हुई पहली कैबिनेट बैठक में ही जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार खोलने का प्रस्ताव रखा गया था। यह प्रस्ताव पारित होने के बाद आज 13 जून की सुबह 6:30 बजे सभी द्वार खोले गए।

Jagannath Puri Temple Now All Gates Are Open

आज द्वार खोले जाने के दौरान राज्य के नए सीएम मोहन चरण माझी के साथ उनका मंत्रिमंडल, पुरी के सांसद संबित पात्रा और बालासोर के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी समेत अन्य तमाम राजनेता भी मौजूद रहे। सभी ने द्वार खुलने के बाद मंदिर की परिक्रमा भी की।

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क्यों बंद हुए थे द्वार

असल में जगन्नाथ मंदिर के कुछ द्वार हमेशा से बंद नहीं थे, बल्कि कोरोना काल में भीड़ को नियंत्रित करते हुए स्थिति को संभालने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सरकार ने मंदिर के अश्व द्वार, व्याघ्र द्वार और हस्ति द्वार को बंद करने का फैसला किया था। इसके बाद से ही मंदिर में सिर्फ सिंह द्वार ही खुला था, जिससे श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आ-जा रहे थे।

लेकिन विश्व विख्यात इस मंदिर में सिर्फ एक द्वार खुला होने के चलते परिसर के अंदर भारी भीड़ और लंबी कतारें दिखनें लगी थीं। ऐसे में काफ़ी समय से तमाम श्रद्धालु मंदिर के सभी द्वार खोलने की मांग कर रहे थे। आपको याद दिला दें बीजेपी ने हाल में संपन्न हुए राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान जगन्नाथ मंदिर से सभी द्वार खोलने का एक बड़ा वादा भी किया था।

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फंड का भी ऐलान

इतना ही नहीं बल्कि राज्य सरकार की ओर से मंदिर के विकास के लिए ₹500 करोड़ के कॉर्पस फंड का भी ऐलान किया गया है। खुद मुख्यमंत्री माझी द्वारा इसकी घोषणा करते हुए यह बताया गया कि मंदिर के संरक्षण और देखरेख के लिए मंत्रिमंडल ने 500 करोड़ रुपये का एक कोष गठित करने का फैसला लिया है।

पहली बैठक रही खास

जैसा हमनें पहले ही बताया कि मंदिर के द्वार खोले जाने का निर्णय कैबिनेट की पहली बैठक में लिया गया। लेकिन इस दौरान मुख्यमंत्री मांझी ने कैबिनेट बैठक के दौरान किसानों व महिलाओं को लेकर चुनाव के दौरान किए गए वादों पर भी विमर्श किया। बैठक के बाद उन्होंने बताया कि ओडिशा सरकार धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹3100 प्रति क्विंटल करने की दिशा में काम करेगी।

इसके साथ ही समृद्ध कृषक नीति योजना को लेकर भी तमाम विभागों को उचित गाइडलाइन और रोडमैप बनाते हुए शुरुआती 100 दिनों के भीतर इसका आगाज करने के लिए कहा गया है। साथ ही इसी समयसीमा के भीतर नई सरकार सुभद्रा योजना लागू करने की कोशिश करेगी, जिसके चलते महिलाओं को ₹50,000 के कैश वाउचर दिए जाएंगे।

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