Manoj Jarange fast for Maratha reservation begins again: महाराष्ट्र में एक बार फिर से मराठा आरक्षण का मुद्दा उछला है, लोकसभा चुनावों के सम्पन्न होते ही मराठा आरक्षण के चेहरा और लंबे समय से राज्य के मराठों के लिए आरक्षण की मांग कर रहे मनोज जरांगे ने अनिश्चित अनशन शुरू किया है।
मनोज जरांगे ने अपने गृहनगर क्षेत्र जलाना जिले के अंतरवली ग्राम से आज सुबह (8 जून शनिवार) को अनिश्चित कालीन अनशन की शुरुआत की है। हालांकि स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने इसकी अनुमति आंदोलनकारी को प्रदान नही की हैं।
आरक्षण नही मिला तो लड़ेंगे चुनाव
मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को चेतवानी दी है कि यदि सरकार इस बार राज्य में मराठा आरक्षण की मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वह आने वाले राज्य में विधानसभा चुनावों में चुनावों में उतरेंगे और महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों में अपने उम्मीदवार को चुनाव में उतारंगे।
कुनबी को मराठा के रूप में पहचाने जाने की मांग
मराठा आरक्षण का चेहरा मनोज जरांगे ने कुनबियों को मराठा के रूप में पहचानने के लिए एक कानून बनाने की भी मांग की है। इसके साथ ही वह मराठों के लिए अन्य पिछड़ा समुदाय (ओबीसी) टैग और राज्य सरकार द्वारा पहले जारी मसौदा अधिसूचना को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
आपकों बता दे, महाराष्ट्र में कुनबी, एक कृषि प्रधान समूह, ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आता है ऐसे में मनोज (Manoj Jarange fast for Maratha reservation begins again) जरांगे की मांग है राज्य में सभी मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी किए जाएं। जिससे वे कोटा लाभ के लिए पात्र बन सकें।
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गौरतलब हो, पुरे महाराष्ट्र में मराठा जाति के लोगों की जनसंख्या 33% के करीब है, वह लंबे समय से सरकारी नौकरियां और अन्य स्थानों में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहें हैं। चार दशकों से ज्यादा समय से उठ रही यह मांग कई बार राज्य में हिंसक प्रदर्शन का रुप इख्तियार कर लेती है। लोकसभा चुनावों से पूर्व राज्य में शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ मराठा आरक्षण को लेकर प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था, जिसके बाद राज्य के कई हिस्सों में सरकारी संपंतियो सहित लोगों के घायल होने की घटनाएं सामने आई थी।