संपादक, न्यूज़NORTH
Loksabha Election Result 2024 Caste Equations: लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी कल नतीजों के सामने आने के बाद बहुमत आँकड़े के बाद लगभग 30 से अधिक सीटों से पिछड़ गई। बीजेपी को इन चुनावों में 240 सीटें मिली, वहीं कांग्रेस ने अपनी सीटों की संख्या में इज़ाफ़ा करते हुए 99 का आँकड़ा छू लिया। इसके बाद समाजवादी पार्टी 37 और तृणमूल कांग्रेस 29 सीटों के बाद तीसरी और चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरीं।
पिछले बार के मुक़ाबले इस बार बीजेपी को लगभग 63 सीटों का नुक़सान हुआ है। तमाम एग्ज़िट पोल के विपरीत परिणाम आने के बाद से ही विपक्ष एक स्वर में यह कहता दिखाई दिया कि 18वीं लोकसभा चुनाव में मोदी मैजिक नहीं चल सका। विपक्ष के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के फ़ैसलों और कथित मनमाने रवैए के चलते जनता ने इस बार उन्हें नकार दिया है और कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने तो इसे पीएम मोदी की नैतिक हार तक बताया।
Loksabha Election Result 2024 Caste Equations
पर इतना तो तय है कि लोकसभा चुनावों के परिणाम भाजपा को इस बार थोड़ा मुश्किल में डाल सकते हैं, क्योंकि अब केंद्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को अपने सहयोगी दलों का रूख करना होगा और यह भी ज़रूरी होगा कि एनडीए के अन्य तमाम घटक दलों को साथ लेकर एक आम सहमति बनाते हुए चला जाए।
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लेकिन बीजेपी के दिग्गज नेताओं समेत तमाम लोगों ने अब हार के कारणों पर भी मंथन शुरू कर दिया है। प्राथमिक रूप से इस बार जातीय समीकरण का एक अहम रोल माना जा रहा है। इस बार विपक्षी दलों द्वारा बनाए गए I.N.D.I.A. गठबंधन के चलते अधिकतर लोकसभा सीटों पर बीजेपी के ख़िलाफ विपक्ष ने मिलकर एक ही उम्मीदवार दिया था। हालाँकि कुछ राज्यों में जैसे पश्चिम बंगाल, पंजाब आदि में कई दावेदार लड़ाई में उतरे।
ऐसे में जातीय समीकरणों ने भी प्रत्याशियों की जीत व हार में एक बड़ा रोल अदा किया। जैसा माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश समेत ताम राज्यों में विपक्ष ने जातीय समीकरणों को भी साधते हुए अपने उम्मीदवारों का चयन किया और खासकर यूपी में सपा को उसका फ़ायदा भी मिलता दिखा।
यूपी में क्या कहते हैं आँकड़े?
उत्तर प्रदेश की बात करें तो साल 2014 के चुनावों ने भाजपा गठबंधन के तहत बीजेपी को कुल 71 सीट मिली थीं जबकि अपना दल को 2 सीटों पर कामयाबी मिली थीं। उस समय बीजेपी को कुल वैध मतों का 42.63% वोट मिला था, जबकि अपना दल के पाले में 0.02% ही वोट आए थे। वहीं बात की जाए साल 2019 में भाजपा को 62 सीटें मिली थीं और अपना दल को 2 सीटें आई थीं। वहीं भाजपा का वोट प्रतिशत 49.97 और अपना दल का वोट प्रतिशत 1.21 रहा।
वहीं बात की साल 2024 में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 33 सीटें हासिल की हैं। गठबंधन में अपना दल को 1 सीट जबकि रालोद को 2 सीट मिली हैं। इस बार भाजपा का वोट प्रतिशत 41.37 रहा जबकि अपना दल का वोट प्रतिशत 0.92 रहा।
बात की जाए सपा गठबंधन, तो 2019 में सपा 5 सीट और बसपा को 10 सीटें मिली थीं। इसमें सपा का वोट प्रतिशत 18.11 और बसपा का वोट प्रतिशत 19.42 रहा। इस बीच साल 2024 में समाजवादी पार्टी ने सबको चौंकाते हुए 37 सीटें हासिल की हैं, जबकि कांग्रेस को 6 सीटें मिली हैं।
कैसे रहे जातीय समीकरण
उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी की बात करें तो यहाँ से बीजेपी ने दलित वर्ग से आने वाले विनोद सोनकर को मैदान में उतारा था, जबकि INDIA गठबंधन की ओर से सपा ने पासी समाज से आने वाले इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज को टिकट दिया था। इस बीच विनोद सोनकर के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भईया के साथ ना देने के चलते विनोद सोनकर को हार का सामना करना पड़ा।
वहीं बांदा की सीट पर गौर किया जाए तो बीजेपी ने दो बार के सांसद आरके सिंह पटेल पर फिर से विश्वास जताया था, जबकि सपा की ओर से कृष्णा देवी शिवशंकर पटेल मैदान में थीं। इस बीच पर कृष्णा देवी ने 70 हजार से अधिक मार्जिन के साथ जीत दर्ज की है। बताया जाता है कि इस बार एक बड़े ब्राह्मणों वर्ग ने भी स्थानीय स्तर पर बीजेपी का साथ नहीं दिया, वहीं बीएसपी द्वारा एक ब्राह्मण चेहरे को मैदान में उतारे जाने के चलते भी बीजेपी को भारी नुक़सान हुआ है। वहीं बाराबंकी से लेकर फ़ैज़ाबाद जैसी सीटों पर भी दलित और ओबीसी वर्ग ने बड़ी तादाद में भाजपा के प्रत्याशियों को नकार दिया।