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बड़े हनुमान मंदिर में आरती में शामिल होने के लिए पहननी होगी धोती, ड्रेस कोड लागू: रिपोर्ट

बड़े हनुमान मंदिर में आरती में शामिल होने के लिए पहननी होगी धोती, ड्रेस कोड लागू: रिपोर्ट

  • सुबह और शाम होने वाली आरती में शामिल होने के लिए धोती कुर्ता में में ही अनुमति.
  • कोई शख्स या कोई भक्त जींस शर्ट पहनकर मंदिर में प्रवेश करता है तो उन्हें लौटा दिया जायेगा.

Dress code implemented in Prayagraj Bade Hanuman Temple: मंदिरो में पारंपरिक और गरिमापूर्ण वस्त्र धारण करने वाले नियमों में एक और मंदिर की एंट्री हुई है, हिंदुस्थान की रिपोर्ट के अनुसार प्रयागराज के बड़े हनुमान मंदिर प्रशासन ने भी मंदिर में आरती में शामिल होने वाले भक्तो के लिए एक आदेश देते हुए कहा है कि हनुमान मंदिर की आरती में जो भक्तगण आरती में शामिल होना चाहते हैं उन्हे, धोती पहनकर ही मंदिर परिसर में पहुंचना होगा। मंदिर में धोती पहनकर आए लोगों को ही आरती में शामिल होने की अनुमति प्रदान की जायेगी। यदि कोई शख्स या कोई भक्त जींस शर्ट पहनकर मंदिर में प्रवेश करता है तो उन्हें लौटा दिया जायेगा।

संगम के समीप हनुमान मंदिर में आरती में शामिल होने के नए नियम

प्रयागराज में संगम के समीप बड़े हनुमान मंदिर (लेटे हुए हनुमान जी) में सुबह और शाम होने वाली आरती में शामिल होने के लिए धोती कुर्ता में आए ही भक्तो को शामिल होने देने दिया जायेगा यदि कोई शख्स अन्य किसी प्रकार के जैसे जींस पेंट शर्ट में मंदिर में आता है तो उसे मंदिर परिसर से लौटा दिया जायेगा।

मंदिर प्रशासन की ओर से इस आदेश को लेकर अपने तर्क में कहा गया है कि, मंदिरो में होने वाली आरती पारंपरिक होती है। ऐसे में परिधान का विशेष महत्त्व होता है, मंदिर ने इसी बात का तर्क देते हुए फैसला लिया है। सनातन धर्म की पूजा रीति में वस्त्र भी सनातनी होने चाहिए, कमर में धोती और कांधे पर गमछा होने से विचार खुले और शुद्ध रहते है। यही कारण है कि पूजा विधि में इस वस्त्र को शामिल किया जाता है। आरती के (Dress code implemented in Prayagraj Bade Hanuman Temple)  दौरान धोती के रंग को लेकर कोई नियम निर्धारित नही की गई है।

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सुबह शाम नही, सिर्फ़ आरती के दौरान धोती में प्रवेश की अनुमति

मंदिर के आचार्य महंत बलवंत गिरी ने इस आदेश के संबध में कहा है कि, सुबह शाम हर वक्त इस नियम को मंदिर में लागू नहीं किया जा सकता , लेकिन आरती का समय खास होता है, इसे तब लागू किया जायेगा उन्होंने इस संबध में कहा मंदिर में आरती के दौरान मौजूद मंदिर परिसर के सेवादार, पुजारी, ढोल या अन्य प्रकार के वाद्य यंत्र को बजाने वाला व्यक्ति भी धोती धारण करेगा।

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