संपादक, न्यूज़NORTH
Election Commissioner Arun Goel Resign, Congress Raises Question: भारत में जल्द ही लोकसभा चुनावों का ऐलान होने वाला है। ऐसे समय में शनिवार को चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जाहिर है चुनावों के ठीक पहले भारत के एक चुनाव आयुक्त का पद छोड़ना चर्चा का विषय बनना ही था। लेकिन अब इसको लेकर कई तरह की अटकलें और रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं। इतना ही नहीं बल्कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसको लेकर कई गंभीर सवाल भी खड़े किए हैं।
असल में शनिवार को ही यह खबर आई कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। वैसे तो उन्होंने इसके पीछे व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया लेकिन यह अटकलों के बाजार पर विराम लगाने के लिए काफी नहीं था।
Arun Goel Resign, Congress Raises Question:
अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान होने के कुछ ही दिन पहले यह कदम उठाया है। बता दें, उनका मौजूदा कार्यकाल 5 दिसंबर 2027 तक था। इतना ही नहीं बल्कि अगले साल फरवरी में मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। कहा जाता है कि उनके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त पद की जिम्मेदारी अरुण गोयल को ही सौंपी जानी थी।
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जानकारी के लिए बता दें, भारतीय संविधान में तय प्रावधानों के तहत भारत में चुनाव आयोग एक तीन सदस्यीय संस्था है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो अभी सिर्फ 2 पद ही भरे हुए थे, जिनमें से एक मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं और एक चुनाव आयुक्त अरुण गोयल। लेकिन अब चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने भी इस्तीफा दे दिया है।
भले ही उन्होंने इसके पीछे निजी कारणों का हवाला दिया है। लेकिन इस मामले में एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह कहा गया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के साथ मतभेद होने के चलते ही अरुण गोयल ने अपना पद त्यागने का फैसला किया है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
भारत में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर कुछ गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि देश की स्वतंत्र संविधानिक संस्थाएँ ही अगर दबाव महसूस करने लगेंदी तो यह देश के हित में नहीं है। इतना ही नहीं बल्कि पार्टी ने इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा तक बता डाला।
लेकिन यह मुद्दा एक विवाद का रूप लेता तब नजर आने लगा जब मुख्य विपक्षी दल ने इस हाल के घटनाक्रम को देखते हुए आगामी लोकसभा चुनावों की निष्पक्षता पर ही सवाल खड़े किए। कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पर लिखा –
“चुनाव आयोग या चुनाव चूक?”
“भारत में अब सिर्फ एक ही चुनाव आयुक्त हैं, वहीं कुछ ही दिन में लोकसभा चुनावों की तारीख़ों का ऐलान किया जाना है, लेकिन ऐसा क्यों है?”
“मैं पहले भी कह चुका है कि अगर हम अपने स्वतंत्र संस्थानों के इस विनाश को नहीं रोकते हैं तो हमारा लोकतंत्र तानाशाही में बदल जाएगा चुनाव आयोग इसके तहत गिरने वाली अंतिम संवैधानिक संस्थाओं में से एक होगा।”
“चुनाव आयुक्त के चयन की नई प्रक्रिया के तहत सारी शक्तियाँ अब मुख्य रूप से सत्तारूढ़ दल और प्रधानमंत्री को मिल चुकी हैं। ऐसी क्या वजह है जिसके चलते कार्यकाल पूरा होने के 23 दिन बाद भी नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति नहीं हो सकी? मोदी सरकार को इन विषयों पर जवाब देना चाहिए।”
Election Commission or Election OMISSION?
India now has only ONE Election Commissioner, even as Lok Sabha elections are to be announced in few days. Why?
As I have said earlier, if we do NOT stop the systematic decimation of our independent institutions, our DEMOCRACY shall…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) March 9, 2024