Site icon NewsNorth

सहमति से बनाया गया संबंध रेप नहीं, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, आरोपी को किया बरी

electoral-bonds-fund-scheme-supreme-court-update-sbi-case

Consensual sex is not rape: देश की शीर्ष अदालत ने आज एक अहम फैसला सुनाते हुए कोर्ट में एक आरोपी को बरी करते हुए, अपनी टिप्पणी में कहा कि, सहमति से बनाया गया शारीरिक संबंध ‘रेप’ नही माना जा सकता।

दरअसल मध्यप्रदेश में सतना निवासी एक शादीशुदा महिला का एक पुरुष के साथ अफेयर हो गया, दोनों ने एक दूसरे के साथ रहते हुए शारीरिक संबंध बना लिया था, इस दौरान पुरुष ने किन्ही वजहों से उक्त महिला से शादी नहीं की,जैसा की महिला ने उक्त पुरुष के ऊपर आरोप लगाकर मामला दर्ज करवाया था कि उक्त पुरुष ने शादी का प्रस्ताव देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया है। इस  मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी पुरुष को बरी कर दिया है।

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, महिला अपने कार्यों के परिणाम को समझने के लिए परिपक्व थी, कोर्ट में दिए गए बयान और प्राथमिकी 164 धारा के तहत दर्ज बयानों में भी शिकायतकर्ता के बयानों में विसंगतियां है ऐसे में यह कोर्ट उक्त मामले में आरोपी को दोषी नहीं पाता है।

आरोपी व्यक्ति के वकील ने क्या कहा?

पूरे प्रकरण में रेप के आरोपी की ओर से लड़ रहे वकील अश्विनी दुबे ने कहा, महिला द्वारा दर्ज करवाई गई प्राथमिकी कुछ और नहीं बल्कि कानून की प्रकिया का दुरुपोयग था। शिकायतकर्ता और अपीलार्थी दोनों के बीच शारीरिक संबंध सहमति से बने थे, इसमें दुष्कर्म जैसा आरोप ही नही बनता।

कोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि, महिला इतनी परिपक्व और समझदार थी की उन (Consensual sex is not rape) नैतिक और अनैतिक कृत्यों के परिणामों को समझ सकती थी, जिसके लिए उसमे अपनी पिछली शादी के दौरान सहमति प्रदान की थी।

कोर्ट ने उक्त प्राथमिकी में दर्ज बयान के आधार में कहा, वास्तव में यह तो महिला के पति को धोखा देने का मामला था।

See Also

गौरतलब हो, महिला ने पुरुष के ऊपर सितंबर 2020 में यह कहते हुए  दुष्कर्म का मामला दर्ज करा दिया कि उस व्यक्ति ने उससे विवाह का वादा कर शारीरिक संबंध बनाए हैं। महिला ने यह भी कहा कि उसके विवाह का वादा होने के बाद ही अपने पति को तलाक देने के लिए मुकदमा दायर किया था, लेकिन बाद में राजेश उससे विवाह करने से यह कहकर मुकर गया की उसका परिवार शादी के लिए राजी नहीं हो रहा है।

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

परंतु कोर्ट में दिए गए बयानों और प्राथमिकी में दर्ज बयानों में विसंगति और एक परिपक्व महिला के तौर में अपना अच्छा बुरा समझने वाली दलील देते हुए कोर्ट ने महिला के खिलाफ़ फैसला देते हुए आरोपी पुरूष को बरी कर दिया है।

Exit mobile version