Doctor will not be able to add name even after PhD: पीएचडी के बाद एक जो सबसे बड़ी उपलब्धि किसी के साथ जुड़ती है,वह है उसके नाम के साथ डॉक्टर की उपाधि, पर राजस्थान से एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जहा तीन लोगों के पीएचडी डिग्री पूर्ण करने के बाद भी उनके नाम के आगे डॉ की उपाधि न जोड़ने का फरमान अधिकारी ने सुनाया है।
दरअसल राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत तीन नर्सों ने पीएचडी की पढ़ाई पूरी की उसके बाद जब उन्होंने अपने नाम के साथ डॉक्टर उपाधि लगाने की अनुमति मांगी तो उनको विभाग की ओर से अनुमति देने से इनकार कर दिया गया।
इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र भी जारी किया गया, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निर्देशक सुरेश नवल के पत्र के मुताबिक राज्य की तीन नर्सों ने अपने नाम के आगे डॉ उपाधि जोड़ने का प्रस्ताव भेजकर अनुमति की मांग की थी, लेकिन विभाग ने उनकी मांग स्वीकार नही की।
Doctor will not be able to add name even after PhD
इस पूरे मामले को लेकर राज्य में नर्सेज एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर की है। इस पूरी घटना को लेकर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस फैसले को नर्सों और नर्सिंग स्टाफ को हतोत्साहित करने वाला बताया है। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा, पीएचडी करने वालों को ‘डॉक्टर’ की उपाधि का उपयोग करने की अनुमति देने से नर्सें शोध और उच्च अध्ययन के लिए प्रोत्साहित होंगी और मरीजों को लाभ होगा। हम शासन में उच्च अधिकारियों के पास जाएंगे। पीएचडी कर चुके लोग अपने नाम के साथ ‘डॉक्टर’ की उपाधि का उपयोग करना चाहते हैं।
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क्यों नही मिली अनुमति
संबंधित विभाग ने किस वजह से इन नर्सों को अनुमति प्रदान नही की। इसके बारे में पत्र में कोई आधिकारिक वजह नही बताया गया हालांकि मेडिकल व्यवसाय से जुड़े लोगों का मानना है, नर्सों को डॉ उपाधि नाम मे जोड़ने की अनुमति देने से लोगों में भ्रम पैदा होगा और शायद वे मेडिकल डॉक्टर या पीएचडी धारक के बीच अंतर न कर पाएं।शायद यह वजह हो सकती है कि विभाग से उक्त लोगों को अनुमति प्रदान नही किया गया।