pakistan election results: पाकिस्तान में वोटिंग के बाद चुनाव परिणाम भी आने लगे है, चुनाव परिणामों में नजर डाली जाए तो इस बार के चुनाव में पाकिस्तान में चुनाव लडने वाली किसी भी पार्टी को जनता ने स्पष्ट बहुमत प्रदान नही किया है।
जिसके बाद अनुमान लगाया जा रहा है, इस बार देश में सरकार जोड़ तोड़ के बाद ही बन पाएगी। पाकिस्तान के 336 सीटों वाली नेशनल असेंबली में 266 उम्मीदवार प्रत्यक्ष मतदान के जरिए चुने जाते हैं, शेष 70 सीटें आरक्षित हैं। किसी भी पार्टी को जीत और सरकार बनाने के लिए न्यूनतम 133 सीटों की आवश्यकता होती है।
चूंकि इस बार चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबला हुआ इस वजह से कोई भी पार्टी स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर पाई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ पाकिस्तान चुनाव आयोग के अनुसार, नेशनल असेंबली की कुल (pakistan election results) 266 में से 245 सीटों के नतीजे आ गए हैं।
इनमें से 98 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीतीं हैं,यह निर्दलीय उम्मीदवार पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थित प्रत्याशी थे जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) को 69, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) को 51, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MKM) को 12 और अन्य छोटे दलों को 14 सीटें मिलीं हैं।
ऐसे में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं होने से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में सरकार जोड़ तोड़ या अन्य किसी पार्टी के समर्थन के बाद ही बन पायेगी।
इमरान और नवाज दोनों का सरकार का दावा
पाकिस्तान के दोनों पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ और इमरान खान दोनों ही देश में सरकार बनाने का दावा पेश कर रहे है, इमरान खान PTI समर्थित उम्मीदवारों की जीतने वाले प्रत्याशी की संख्या देश में सबसे अधिक है वही दूसरी ओर पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) के 69 प्रत्याशी चुनाव जीतने में कामयाब हुए है।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के जेल में होने की वजह से उनका काम बिगड़ सकता है,चूंकि दूसरी ओर नवाज शरीफ अपनी पार्टी की सरकार बनाने के लिए दावा पेश कर रहे है साथ ही तीसरे नंबर में रही पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेताओं से बैठक करके उन्हे अपने पाले में लाने की कोशिश में लगे हुए है।
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वोटिंग के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में उपद्रव
चुनावों में वोटिंग के दौरान पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बम धमाकों से करीबन 28 लोग के मारे जाने की खबर सामने आई, जिसमें 40 से अधिक लोग घायल हुए थे। जिसके बाद देश में कई जगहों पर मोबाइल सेवा को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला लिया गया था। पाकिस्तान में दिनों दिन अवाम के लिए चुनौतियां बढ़ते जा रही है। देश में आतंकवाद, बढ़ती गरीबी और मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने के लिए नई सरकार को काफ़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।