Paytm to cut ties with Paytm Payments Bank: भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा Paytm Payments Banks पर लगाए गए तमाम प्रतिबंधों के बाद, फिलहाल कंपनी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं। Paytm ने अब एक ताजा बयान में गुरुवार को कहा कि वह अपनी सहयोगी इकाई Paytm Payments Bank के साथ कारोबार को बंद कर देगी और अन्य बैंकों के साथ साझेदारी करने की दिशा में प्रयासों को तेज करेगी।
जानकारों के अनुसार, यह कदम कंपनी में ग्राहकों के बीच फैल रही चिंताओं को कम करने के लिए उठाया है। बिजनेस पर बहुत अधिक प्रभाव ना पड़ने देने के लिए यह ज़रूरी है कि Paytm अपने मुख्य प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूदा उपयोगकर्ताओं को रोक सके।
Paytm cut ties with Paytm Payments Bank
लेकिन इतना ज़रूर है कि यह Paytm के लिए भी आसान फैसला नहीं होगा। फिनटेक जगत के जानकार कहते हैं कि Paytm के बिजनेस ईको-सिस्टम में इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकते हैं। पर इतना ज़रूर है कि पेमेंट बिजनेस को सुरक्षित बनाये रखने और आरबीआई की सख्ती को देखते हुए इस कदम की आवश्यकता भी थी।
Paytm के आगे की राह
कंपनी आगामी दिनों में अपनी सेवाएँ जारी रखने के लिए अन्य बैंकों के साथ साझेदारी करती नजर आएगी। इस बीच Paytm का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिबंधों के बाद भी इसके लोन वितरण, बीमा वितरण और इक्विटी ब्रोकिंग जैसी सेवाएँ अप्रभावित रहेंगी। इसके पीछे कंपनी का तर्क यह है कि इन सेवाओं का पेटीएम पेमेंट्स बैंक से कोई संबंध नहीं है।
पेटीएम के मुताबिक अगर सबसे खराब स्थिति उत्पन्न होती है तो इसे वार्षिक EBITDA में $36 मिलियन से $60 मिलियन का नुकसान हो सकता है। लेकिन इन सब के बीच कंपनी ने साफ किया है कि इसका अगला चरण पेमेंट और वित्तीय सेवाओं की पेशकश का विस्तार जारी रखना होगा। इसके लिए अन्य बैंकों के साथ साझेदारी की जाएगी।
क्या है मामला?
31 जनवरी को RBI ने Paytm Payments Bank को एक बड़ा झटका देते हुए इसके बैंक व्यवसाय पर कुछ सख्त पाबंदियाँ लगाई। इसके तहत कंपनी किसी भी कस्टमर अकाउंट, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स, वॉलेट्स, फास्टैग्स आदि में 29 फरवरी, 2024 के बाद किसी भी तरह का डिपॉजिट या क्रेडिट ट्रांजेक्शन या टॉप अप्स डालने की सुविधा की पेशकश नही कर सकेंगी।
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हालाँकि कंपनी पर ब्याज, कैशबैक या रिफंड देने पर रोक नहीं लगाई गई है। साथ ही जैसा हमनें बताया ग्राहक पहले से मौजूद पैसों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कस्टमर्स अपने बचत खाते, करंट अकाउंट्स, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स, फास्टैग्स, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड्स आदि में पहले से मौजूद बैलेंस का उपयोग 29 फरवरी के बाद भी आसानी से कर पाएंगे। लेकिन इसके बाद वह उसमें कोई नया पैसा डिपॉजिट नहीं कर सकेंगे।
इसके पीछे का कारण
खबरों के अनुसार, Paytm Payments Bank के खिलाफ एक सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट के साथ ही थर्ड पार्टी ऑडिटरों की कंपलायंस वेलीडेशन रिपोर्ट को आधार बनाकर ही RBI ने यह फैसला किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, RBI का कहना है कि संबंधित रिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि Paytm Payments Bank के कामकाज के तरीकों में निरंतर खामियां दर्ज की गई। ये रिपोर्ट्स कथित रूप से कंपनी पर नॉन-कंपलायंस और सुपरवाइजरी संबंधी चिंताओं को भी उजागर करती पाई गई।