India To Shut Down 2G 3G Networks, Jio Urges Govt: क्या भारत में 2G और 3G नेटवर्क कनेक्शन हमेशा के लिए बंद होने जा रहे हैं? यह सवाल अचानक इसलिए उठने लगा क्योंकि सामने आ रही खबरों के अनुसार, मुकेश अंबानी के मालिकाना हक वाली टेलीकॉम दिग्गज रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने भारत सरकार से देशभर में 2G और 3G नेटवर्क बंद करने की अपील की है।
जी हाँ! यह जानकारी Mint की एक रिपोर्ट के हवाले से सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस जियो की ओर से अनावश्यक लागत से बचने और सभी ग्राहकों को 4G और 5G नेटवर्क में स्थानांतरित करने जैसे कारणों का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से 2G और 3G नेटवर्क को पूरी तरह से शटडाउन करने का आग्रह किया गया है।
India To Shut Down 2G – 3G Networks
दिलचस्प रूप से Reliance Jio का यह कदम भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा प्रकाशित ‘5G इकोसिस्टम के माध्यम से डिजिटल परिवर्तन’ नामक एक परामर्श पत्र के जवाब के तौर पर उठाया गया है।
जाहिर है इसके पहले भी टेलीकॉम कंपनियों के प्रतिनिधि नए 4G और 5G नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए 2G और 3G को बंद करने की वकालत करते दिखाई दिए हैं। कुछ मीडिया में ये भी बात कही जा रही है कि इस पक्ष में Vi ने भी सरकार से आग्रह किया है।
इस बीच रिपोर्ट बताती है कि भारत में 2G और 3G सेवाओं को बंद करने पर जोर देते हुए Jio की ओर से कहा गया;
“2G और 3G नेटवर्क को पूरी तरह से बंद करने के लिए केंद्र सरकार को एक पॉलिसी और प्लान बनाना चाहिए। इस कदम के तहत अनावश्यक नेटवर्क लागत से भी बचा जा सकेगा और साथ ही सभी ग्राहकों को 4G और 5G सुविधाओं की ओर स्थानांतरित करने में मदद मिलेगी।”
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वैसे सिर्फ 2G और 3G नेटवर्क को पूरी तरह से बंद कर देना क्या वाकई में 4G और 5G नेटवर्क की दिशा में बढ़ने में मददगार होगा, इस पर जानकार की असहमत नजर आते हैं। कई लोगों का कहना रहा है कि आज भी देश में एक बड़ी संख्या फीचर फोन का इस्तेमाल कर रही है। हालाँकि 4G और 5G को सपोर्ट करने वाले स्मार्टफोन अब कम क़ीमतों पर भी उपलब्ध हैं, लेकिन तुलनात्मक रूप से आज भी यह कई लोगों की पहुँच से बाहर ही हैं।
ऐसे में वर्तमान समय में देश में मौजूद 2G और 3G उपयोगकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग शायद पूरी तरह सेवाओं को बंद करने से खासा प्रभावित हो। इसके अलावा देश में 5G कनेक्टिविटी के हिसाब से पर्याप्त स्पेक्ट्रम बैंड का आवंटन भी एक अहम मुद्दा है। कंपनियाँ लगातार नए स्पेक्ट्रम बैंड की नीलामी का आग्रह करती रही हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों को सेवाओं की पेशकश की जा सके।
हम साफ कर दें कि यह महज टेलीकॉम ऑपरेटर्स द्वारा ट्राई को दिए गए सुझाव हैं, इस पर भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी या अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।