India export BrahMos supersonic missiles: मेक इन इंडिया की बात अब सच होती दिख रही है, ऐसा हम डिफेंस सिस्टम के क्षेत्र में फिलहाल कह सकते है चूंकि मीडिया रिपोर्ट से निकलकर आई खबरों के अनुसार भारत में निर्मित मिसाइल विदेशी देशों के द्वारा खरीदी जा रही है। जो देश कभी दूसरे देशों के ऊपर अपने डिफेंस सिस्टम के लिए निर्भर था अब वह स्वयं के लिए हथियारों के निर्माण के साथ उसे बेचने के भी तैयारी कर रहा है।
दरअसल डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) चेयरमैन डॉ समीर वी. कामत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक्सपोर्ट को लेकर जानकारी में बताया कि भारत अगले 10 दिनों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का ग्राउंड सिस्टम एक्सपोर्ट करना शुरू कर देगा। इसके बाद क्रूज मिसाइलों का निर्यात मार्च में चालू हो जायेगा।
India export BrahMos supersonic missiles
इस बड़ी डिफेंस डील का पहला ग्राहक फिलीपींस बनने जा रहा है, और यह भारत की अब तक की किसी भी देश के साथ सबसे बड़ा रक्षा निर्यात सौदा होगा। आपको बता दे,भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की निर्यात के लिए जनवरी 2022 में फिलीपींस के साथ $375 मिलियन के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
India to begin export of ground systems for BrahMos supersonic cruise missiles in next 10 days. The cruise missiles are expected to be sent by March this year: DRDO Chairman Dr Samir V Kamat to ANI pic.twitter.com/Kgbz6bbVEP
— ANI (@ANI) January 25, 2024
भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को लेकर दुनियाभर में कई देशों ने दिलचस्पी दिखाई है, इस सूची में इंडोनेशिया, वियतनाम जैसे देश शामिल हैं। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के साथ DRDO के जरिए विकसित और भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स सहित प्राइवेट सेक्टर इंडस्ट्री के जरिए उत्पादित 307 एटीएजीएस गन भारत के मजबूत होते डिफेंस सिस्टम में मेक इन इंडिया निर्मित उत्पादों की सूची भारत के डिफेंस सिस्टम में उसकी मजबूती को दर्शाता है।
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गौरतलब है,भारतीय वायुसेना ने 24 जनवरी 2024 को अपनी जंगी जहाज से नई ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था,यह मिसाइल 800 किमी तक की रेंज तक मारक क्षमता रखती है। दुश्मन के रडार सिस्टम को धोखा देने वाली तकनीकी इसमें उपलब्ध है।इसका निशाना एक दम सटीक टारगेट को समाप्त करने के लिए जानी जाती है। यह अमेरिकी टोमाहॉक मिसाइल की तुलना में दोगुनी रफ्तार के साथ उड़ने में सक्षम है।