People Coming out of Poverty in India Crosses 24 Crores: सोमवार को जारी नीति आयोग की नई रिपोर्ट के अनुसार भाजपा पार्टी शासित केंद्र की मोदी सरकार के 9 वर्षो के कार्यकाल में देश में गरीबी से निकलने वाले लोगों की संख्या 24 करोड़ संख्या पार कर चुकी है।
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सबसे अधिक गरीबी से निकलने वाले लोगों में क्रमश: उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के शामिल है, रिपोर्ट के अनुसार करीबन 12 करोड़ लोग इन्ही तीनों राज्यों से है।
दरअसल सोमवार को सरकार की थिंक टैंक नीति आयोग ने अपने आंकड़ों को जारी करते हुए बताया कि 2013-14 से 2022-23 के बीच 24.82 करोड़ लोग मल्टीडायमेंशनल पॉवर्टी यानी बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं।
मल्टीडायमेंशनल पॉवर्टी एक प्रकार का जीवन यापन पैमाना है जिसमे, सरकारी संस्थाएं नागरिकों की हेल्थ, एजुकेशन और स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग यानी रहन-सहन के तरीके के आधार पर उनकी स्थिति की गणना करती है।
इसी मल्टीडायमेंशनल पॉवर्टी की दर के आधार में नीति आयोग ने बताया कि, 2013-14 में देश में 29.17% थी, जो 2022-23 में घटकर 11.28% पर आ गई. इस हिसाब से 9 साल में 17.89% की कमी आई है।
People Coming out of Poverty in India Crosses 24 Crores:यूपी, बिहार,मध्यप्रदेश और राजस्थान में निकले सबसे अधिक लोग गरीबी
सबसे ज्यादा 5.94 करोड़ लोग उत्तर प्रदेश से हैं वही दूसरे नंबर में बिहार से 3.77 करोड़, मध्य प्रदेश में 2.30 करोड़ और राजस्थान में 1.87 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले है। यह गौर करने वाली बात है, इनमे से दो राज्यों में भाजपा पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार वही बिहार में नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड और राजस्थान में 5 वर्षीय अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार ने काम किया है।
हालांकि नीति आयोग की रिपोर्ट में लोगों के गरीबी से निकलने के कारण में केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र किया गया है, जिसमें गरीब कल्याण अन्न योजना, पोषण अभियान,प्रधानमंत्री मातृत्व अभियान,जन धन योजना, उज्वल्ला योजना,जन धन योजना आवास योजनाओं को श्रेय दिया है।
People Coming out of Poverty in India Crosses 24 Crores: मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने उठाए सवाल
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में पिछले 9 साल में 2.30 करोड़ आबादी गरीबी रेखा से बाहर हुई है। गरीबी से उबारने वाले राज्यों में मध्यप्रदेश तीसरा अव्वल राज्य बन गया है किंतु इन आंकड़ों को लेकर मध्य प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है, कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि “रिपोर्ट में ढाई करोड़ गरीब कम होना बताया गया है। वर्तमान में 5 करोड़ लोगों को राशन मिल रहा है। प्रदेश की जनसंख्या अब 8 करोड़ हुई है, तो क्या पूरा मध्य प्रदेश ही गरीब था ? सरकार को पूरी स्थिति साफ करना चाहिए।”
वही दूसरी ओर भाजपा ने भी जवाब देते हुए कांग्रेस शासनकाल में मध्यप्रदेश के बीमारू राज्य होने वाली बात दोहराई और कहा 2003 में मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद राज्य की स्थिति में सुधार आया है।