विवेक रामास्वामी ने छोड़ी 2024 अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदारी, जानें कारण!

  • रिपब्लिकन की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की रेस से विवेक रामास्वामी हुए बाहर
  • पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आयोवा कॉकस में दर्ज की बड़ी जीत
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Vivek Ramaswamy Quits 2024 US Presidential Election Race: रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक विवेक रामास्वामी ने अपनी दावेदारी वापस ले ली है। सामने आ रही जानकारी के अनुसार, विवेक रामास्वामी के प्रवक्ता ने यह बताया है कि आयोवा कॉकस में निराशाजनक हार के बाद विवेक रामास्वामी अपनी रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की दावेदारी को खत्म करने जा रहे हैं।

जाहिर है पहले से ही दिलचस्प बने संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव को अब एक नया मोड़ मिल गया है। और वह भी ऐसे समय में जब चुनाव काफी नजदीक आ चुके हैं।

38 वर्षीय उद्यमी की ओर से मंगलवार (16 जनवरी) को खुद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आयोवा कॉकस जीतने के बाद दावेदारी छोड़ने का ऐलान किया गया। बायोटेक उद्यमी विवेक ने कहा कि आयोवा के लीडऑफ कॉकस में निराशाजनक हार के बाद वह रिपब्लिकन की ओर से नामांकन के लिए अपना कैंपेन खत्म कर रहे हैं।

उन्होंने कहा;

“मैं आज भी सच्चाई पर कायम रहूँगा। यह पहला कठोर सत्य है, और मेरे लिए कठिन था, लेकिन मुझे इसे स्वीकार करना होगा। और मुझे लगता है कि यह सच है कि हम वह चौंकाने वाले नतीजें हासिल नहीं कर पाए, जिसकी हम आज उम्मीद कर रहे थे।”

इस दौरान विवेक रामास्वामी अपने डोनाल्ड प्रतिद्वंद्वी ट्रंप का समर्थन करते भी नजर आए और उन्हें आगामी चुनावों में सपोर्ट करने का आश्वासन भी दिया।

Vivek Ramaswamy Quits Presidential Election: क्या है कारण?

असल में हुआ ये कि राष्ट्रपति पद के आगामी चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आयोवा कॉकस में जीत दर्ज की है। उम्मीदवारी के रेस की शुरुआत में ही यह ट्रंप की एक बड़ी जीत के रूप में देखी जा रही है। ऐसे में एक बार फिर रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 की उम्मीदवारी में डोनाल्ड ट्रंप का नाम आगे चलने लगा है।

उम्मीदवारी की रेस में शामिल होने के बाद से ही अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले विवेक रामास्वामी के समर्थकों के लिए यह एक बड़ा झटका हो सकता है। खासकर जब प्रचार के दौरान उन्होंने कई ऐसे बड़े वादे किए थे, जिन्होंने बहुत से अमेरिकी नागरिकों का ध्यान आकर्षित किया था।

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ट्रम्प ने बोला हमला

डोनाल्ड ट्रम्प ने आयोवा कॉकस में अंतिम दिनों में विवेक रामास्वामी पर भी हमला बोलते हुए उन्हें “धोखेबाज” करार दिया था। ट्रम्प के मुताबिक, रामास्वामी के लिए वोट करना ऐसा ही होता जैसे “दूसरे पक्ष” के लिए वोट करना।

कैसे उभरे रामास्वामी!

हार्वर्ड से पढ़े विवेक रामास्वामी ने अपने 2021 के बेस्ट-सेलर Woke, Inc. की बदौलत दक्षिणपंथी तबके में काफी लोकप्रियता अर्जित की थी। यह पुस्तक सामाजिक न्याय और जलवायु परिवर्तन संबंधी चिंताओं के आसपास व्यावसायिक रणनीति को आधार बनाने के लिए, कुछ बड़ी कंपनियों के फैसलों की निंदा करती है।

रिपब्लिकन की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीवारी के प्रयासों के दौरान विवेक के जुझारू वाद-विवाद प्रदर्शन और मीडिया, विशेषकर सोशल मीडिया पर गहन फोकस के चलते उन्हें सुर्खियाँ भी मिलती रहीं।

लेकिन 2023 के अंत तक संभावित रिपब्लिकन मतदाताओं के साथ ही उनकी राष्ट्रीय जनमत सर्वेक्षण के आँकड़ो में भी कमी दर्ज की जाने लगी। साथ ही रामास्वामी के साथी रिपब्लिकन उम्मीदवार भी अक्सर बहस में उनसे चिढ़े नजर आए। उदाहरण के लिए दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली ने एक बहस के दौरान उनसे कहा था, “हर बार जब मैं आपको सुनती हूं, तो मैं थोड़ा मूर्ख महसूस करती हूँ।”

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