Indian Woman Sent to Oman on Visitor Visa : नौकरी के नाम में विदेश में तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया है। पीड़ित महिला का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रही है, हालांकि आवाज काफ़ी धीमी है जिस वजह से साफ सुनाई नही दे रहा है, फिर भी महिला का डरा हुआ चेहरा अपनी कहानी बयां कर रहा है।
दरअसल पूरा मामला हैदराबाद की रहने वाली एक 48 वर्षीय महिला ने ओमान में अपने फंसे होने की बात कहते हुए एक अन्य महिला के ऊपर कथित तस्करी के आरोप लगाया है।
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पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि नौकरी देने के बहाने एक महिला ने उसकी तस्करी कर दी। महिला का वीडियो सामने आने के बाद ओमान स्थित भारतीय दूतावास ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, उक्त महिला जिसका नाम फरीदा बेगम बताया जा रहा है, दूतावास के अधिकारियों ने उससे संपर्क किया है।
ओमान में भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक ट्वीट के माध्यम से बताया है कि,
“दूतावास के अधिकारियों ने फरीदा बेगम से बात की है। स्थानीय अधिकारियों के समन्वय से उनकी शीघ्र स्वदेश वापसी के लिए सभी सहायता प्रदान की जाएगी।”
Indian Woman Sent to Oman : क्या है पूरा मामला
निजी चैनल इंडिया टुडे में इंटरव्यू के दौरान पीड़ित की बहन ने बताया शेनाज़ बेगम नाम की एक महिला ने फरीदा (पीड़ित) को दुबई में घरेलू नौकरानी के रूप में रोजगार देने का वादा किया था। उसे आवास और भोजन के साथ-साथ 1,400 दिरहम (लगभग 31,700 रुपये) के पारिश्रमिक वेतन देने की बात कहकर लेकर गया था नौकरी पसंद न आने की स्थिति में घर लौटने की बात कही गई थी।
इसके बाद 4 नवंबर, 2023 को फरीदा(पीड़ित) 30 दिनों के लिए विजिटर वीजा पर यूएई गई थी।अपनी नौकरी के एक महीने बाद, वह गंभीर रूप से बीमार पड़ गईं और उन्होंने घर लौटने की इच्छा व्यक्त की। कथित तौर पर, शेनाज़ ने उसका पासपोर्ट रोक दिया, जिससे फरीदा की स्थिति और खराब हो गई।
फहमीदा बेगम ने आगे बताया कि इसी दौरान उसकी हालत ज्यादा बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया साथ ही आरोप लगाया कि शेनाज बेगम ने फरीदा (पीड़ित) की तस्करी करके वह से मस्कट भेज दिया।
गौरतलब है, भारत से विदेश जाने वाले कही लोग तस्करों के चुंगल में फंस जाते है,मानव तस्कर पीड़ितों को कम वेतन वाली नौकरियों में धकेल देते हैं और उन पर लोन का दवाब भी डालते हैं, साथ ही पीड़ितों को भारी मात्रा में एडवांस देने का वादा करते हैं और अत्यधिक ब्याज दरें जोड़कर पीड़ितों का शोषण करते हैं।
इतना ही नहीं आवास, स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर उनकी सैलरी में भी कटौती कर लेते हैं एक प्रकार से ये नौकरी का झांसा देकर लोगों को बंधुआ मज़दूरी में ढकेल देते है साथ ही इनके द्वारा उक्त लोगों को देश वापिस नही आने देने के लिए पासपोर्ट जैसे जरूरी दस्तावेज छीन लिया जाता है।