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मुंबई में 18 जनवरी तक धारा 144 लागू, ड्रोन या पैराग्लाइडर से हमले की आशंका, जानें क्यों?

मुंबई में 18 जनवरी तक धारा 144 लागू, ड्रोन या पैराग्लाइडर से हमले की आशंका, जानें क्यों?

  • मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 20 दिसंबर 2023 से 18 जनवरी तक धारा 144 लगाने के आदेश पारित किया.
  • मुंबई में 144 के तहत ड्रोन, रिमोट से चलने वाले माइक्रो-लाइट विमान, पैरा ग्लाइडर, पैरा मोटर, हैंड ग्लाइडर और हॉट एयर बलून इत्यादि पर रोक.
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Section 144 implemented in Mumbai: भारत की आर्थिक राजधानी होने की वजह से मुंबई हमेशा ही आतंकियों का टारगेट रही है, इस बार अलग-अलग सूत्रों से आतंकी हमले, दंगे भड़काने,अशांति फैलाने की साजिशों की आशंका व्यक्त की जा रही है, इसीलिए मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 20 दिसंबर 2023 से 18 जनवरी 2024 तक धारा 144 लगाने के आदेश पारित किया है।

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इस दौरान देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 144 के तहत ड्रोन, रिमोट से चलने वाले माइक्रो-लाइट विमान, पैरा ग्लाइडर, पैरा मोटर, हैंड ग्लाइडर और हॉट एयर बलून इत्यादि पर रोक लगाया जा रहा है।

दरअसल इसके पीछे का कारण आतंकी हमले की आशंका बताया जा रहा है, रिपोर्ट के आधार में ऐसी आशंका है कि आतंकी और देश विरोधी तत्व हमले के लिए ड्रोन, रिमोट से चलने वाले माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट, पैरा ग्लाइडर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Section 144 implemented in Mumbai

रिपोर्ट में कहा गया है, बृह्नमुंबई पुलिस कमिश्नरेट इलाके में वीवीआईपी को निशाना बनाया जा सकता है, आम लोगों की जिंदगी को खतरे में डाला जा सकता है, पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया जा सकता है।

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इसलिए यह जरूरी है, कि बृह्नमुंबई पुलिस कमिश्नरेट इलाके में कुछ प्रतिबंध लगाए जाएं ताकि ड्रोन, रिमोट कंट्रोल माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट और पैरा ग्लाइडर से होने वाले संभावित हमले को रोका जा सके।

Section 144 implemented in Mumbai: आदेश का उल्लंघन करने वाले को आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्यवाई

रिपोर्ट में कहा गया है, इस दौरान मुंबई पुलिस को एरियरल सर्वेलांस की छूट रहेगी, जिसके लिए भी डिप्टी कमिश्नर से लिखित में अनुमति लेनी होगी। आदेश के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अगर इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसे आईपीसी की धारा 188 के तहत दंडित किया जाएगा।

गौरतलब है, प्रशासन को आशंका रहती है, कि ड्रोन से शूटिंग की आड़ में आतंकवादी घटनाएं या वीवीआईपी लोगों को निशाना बनाया जा सकता है। इसमें ड्रोन, रिमोट से चलने वाले सूक्ष्म हल्के विमान, एरियल मिसाइलों या पैराग्लाइडरों का इस्तेमाल हो सकता है। इसलिए ड्रोन कैमरो से शूटिंग को लेकर प्रशासन गंभीर है।

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