एग्रीटेक स्टार्टअप Vegrow ने हासिल किया लगभग ₹384 करोड़ का निवेश

  • Vegrow को सीरीज-सी फंडिंग राउंड में मिला $46 मिलियन (लगभग ₹384 करोड़) का निवेश।
  • इस निवेश दौर का नेतृत्व सिंगापुर आधारित दिग्गज निवेशक GIC ने किया।
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Startup Funding – Vegrow: भारत के एग्रीटेक क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं को देखते हुए, निवेशक लगातार इस ओर निवेश के मौके तलाशते रहते हैं। इसी के ताजा उदाहरण के रूप में अब फलों से संबंधित बिजनेस-टू-बिजनेस मार्केटप्लेस, Vegrow ने अपने सीरीज-सी फंडिंग राउंड में $46 मिलियन (लगभग ₹384 करोड़) का निवेश हासिल किया है।

कंपनी के लिए इस निवेश दौर का नेतृत्व सिंगापुर आधारित दिग्गज निवेशक GIC ने किया। साथ ही प्रोसस वेंचर्स (Prosus Ventures), मैट्रिक्स पार्टनर्स इंडिया (Matrix Partners India), एलिवेशन कैपिटल (Elevation Capital) और लाइटस्पीड (Lightspeed) जैसे मौजूदा निवेशकों ने भी हिस्सा लिया।

दिलचस्प रूप से GIC के लिए यह भारत में पहला एग्रीटेक और बी2बी निवेश है। इस एग्रीटेक स्टार्टअप के मुताबिक, प्राप्त की गई नई पूँजी का इस्तेमाल देश भर में Vegrow की पहुँच को बढ़ाने और वैश्विक नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए किया जाएगा।

इससे पहले स्टार्टअप ने जुलाई 2022 में $170-$180 मिलियन की पोस्ट-मनी वैल्यूएशन पर Prosus के नेतृत्व वाले सीरीज-बी राउंड में $25 मिलियन प्राप्त किए थे। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी को यह नया निवेश लगभग $290 मिलियन की वैल्यूएशन पर मिला है।

Startup Funding – Vegrow के बारे में!

Vegrow की शुरुआत साल 2020 में आईआईटी के पूर्व छात्र रहे प्रणीत कुमार (Praneeth Kumar), मृदुकर बैचू (Mrudhukar Batchu), किरण नाइक (Mrudhukar Batchu) और शोभित जैन (Shobhit Jain) ने मिलकर की थी।

Vegrow,

यह कंपनी फलों के लिए एक बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) टेक प्लेटफॉर्म की पेशकश करती है, जो थोक विक्रेताओं और व्यापारियों को सीधे किसानों से जोड़ने का काम करता है। कंपनी अपने राजस्व में पांच गुना वृद्धि  और परिचालन में लाभप्रदता हासिल करने का भी दावा करती है।

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आसान तरीके से समझनें की कोशिश करें तो Vegrow किसानों के साथ साझेदारी कर, आवश्यक आपूर्ति इक्कठा करने से लेकर उसे संगठित मांग को बेचने का काम करता है। उपज की बिक्री ही इस बेंगलुरु आधारित कंपनी के लिए सकल राजस्व का प्रमुख स्रोत रही है।

कंपनी की मानें तो यह उपज की सटीक ग्रेडिंग और उपयुक्त माँग के सहारे किसानों की आय को बढ़ाने में भी मदद करती है। यह दोनों पक्षों के लिए काफी आकर्षक पेशकश करती है। उदाहरण के लिए प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के माध्यम से कंपनी अधिक से अधिक किसानों को आकर्षित कर पाती है। साथ ही स्थिर कीमत और गुणवत्ता के चलते खरीदारों भी कंपनी से जुड़ना पसंद करते हैं।

भारत में यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से Dailyninja, Waycool और Zomato के HyperPure आदि से प्रतिस्पर्धा करती है। कंपनी का दावा है कि यह फिलहाल प्रतिदिन 200 टन से अधिक फलों का प्रसंस्करण करती है।

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