RBI Fintech Repository: भारतीय रिजर्व बैंक यानी ‘आरबीआई’ ने शुक्रवार (8 दिसंबर) एक बड़ा ऐलान करते हुए, एक ‘फिनटेक रिपॉजिटरी’ स्थापित करने की योजना का खुलासा किया। केंद्रीय बैंक के मुताबिक, आगामी अप्रैल 2024 तक ‘फिनटेक रिपॉजिटरी’ की स्थापना की जा सकती है।
इसका ऐलान खुद आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा किया गया है। यह पहल असल में केंद्रीय बैंक द्वारा आज जारी की गई ‘विकासात्मक और नियामक नीतियों’ का ही एक हिस्सा है।
क्या है RBI की Fintech Repository?
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बनाई गई ‘फिनटेक रिपॉजिटरी’ के स्थापना की योजना को देश भर में फिनटेक कंपनियों के संचालन और इनोवेशन पर व्यापक डेटा इकट्ठा करने के लिहाज से डिजाइन किया जाएगा।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुताबिक, पारंपरिक वित्तीय संस्थानों और फिनटेक फर्मों के बीच साझेदारी समेत वित्तीय प्रौद्योगिकी के उभरते परिदृश्य की बारीकी से निगरानी करने के लिए आरबीआई ने यह योजनाओं पेश की है। इसके जरिए केंद्रीय बैंक का मकसद वित्तीय क्षेत्र पर डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के प्रभाव को समझने का है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा;
“फिनटेक रिपॉजिटरी अप्रैल 2024 या उससे पहले ‘रिजर्व बैंक इनोवेशन हब’ द्वारा चालू की जाएगी। फिनटेक कंपनियों को इस रिपॉजिटरी में अपनी स्वेच्छा से प्रासंगिक जानकारियाँ प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।”
फिनटेक रिपॉजिटरी के फायदे
यह साफ हो गया है कि अप्रैल 2024 तक चालू हो सकने वाली इस फिनटेक रिपॉजिटरी के प्रबंधन की जिम्मेदारी ‘रिजर्व बैंक इनोवेशन हब’ संभालेगा। फिनटेक संस्थाओं की ओर से प्रदान की जाने वाली स्वैच्छिक जानकारियों का इस्तेमाल नियामक नीतियों को आकार देने और क्षेत्र के भीतर सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।
आरबीआई को यक़ीन है कि यह सक्रिय दृष्टिकोण फिनटेक क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ावा देने और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के बीच संतुलन बनाए रखने में भी मददगार साबित होगा।
आरबीआई के फिनटेक रिपॉजिटरी में विभिन्न सुधारों की संभावना है। सबसे पहले, यह फिनटेक जानकारियों की पहुंच को बढ़ाने का वादा करता है, तमाम तरीकों के डेटा के लिए एक समेकित प्लेटफ़ॉर्म की पेशकश करता है। इसके चलते लोन प्रदाताओं के लिए कई चैनलों से जानकारी प्राप्त करने जैसी चुनौती भी हल हो जाएगी। ऐसे में इन तमाम प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने से न सिर्फ परिचालन लागत में कमी आएगी, बल्कि फिनटेक ईकोसिस्टम की क्षमताओं में भी उल्लेखनीय वृद्धि नजर आएगी।
इतना ही नहीं बल्कि किसी व्यक्ति की फिनटेक प्रोफ़ाइल से लैस रिपॉजिटरी का व्यापक संकलन उधारदाताओं को बेहतर क्रेडिट जोखिम मूल्यांकन की सुविधा प्रदान करेगा, जो उधारदाताओं को अधिक जानकारियों के साथ ‘क्रेडिट’ संबंधी निर्णय लेने के लिहाज से भी सशक्त बनाएगा।
इसके अलावा रिपॉजिटरी का इस्तेमाल धोखाधड़ी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में भी किया जा सकेगा। फिनटेक डेटा के क्रॉस-संस्थागत विश्लेषण से धोखाधड़ी वाले लेनदेन की पहचान करने और रोकने में मदद मिल सकेगी।
आरबीआई गवर्नर के मुताबिक, केंद्रीय बैंक वित्तीय क्षेत्र के लिए क्लाउड सुविधा के स्थापना की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। यह बेहतर व्यापार निरंतरता और विस्तार क्षमता की भी सुविधाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।