Karnataka High Court Suspends Videoconference Facility Live Court Proceedings: कर्नाटक हाईकोर्ट ने साइबर सुरक्षा मुद्दों के कारण सभी अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा बंद कर दी है। साइबर सुरक्षा को देखते हुए, बेंगलुरु, धारवाड़ और कालाबुरागी कोर्ट में कर्नाटक हाई कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधाएं फिलहाल निलंबित कर दी गई हैं।
मुख्य न्यायाधीश पीबी वराले ने मंगलवार सुबह अदालत में इस कदम की घोषणा की और इससे ठीक पहले उनकी अध्यक्षता वाली कोर्ट रूम में लाइव स्ट्रीम या वीडियो-कॉन्फ्रेंस स्ट्रीम अचानक रोक दी गई थी, जिसके बाद हाई कोर्ट के मुख्य जज प्रसन्ना बी वराले कहा,
“एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। हम लाइव स्ट्रीमिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर रोक लगा रहे हैं। हम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा, लाइव स्ट्रीमिंग सुविधा की परमिशन नहीं दे रहे हैं। कुछ शरारती तत्व हरकत कर रहे हैं, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।”
मुख्य जज प्रसन्ना बी वराले ने आगे कहा,
“प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग किया जा रहा है। अनुमति क्यों नहीं दी गई, यह जानने के लिए रजिस्ट्रार और कंप्यूटर टीम के पास न जाएं। ये दुर्भगायपूर्ण और अभूतपूर्व घटना है।
अन्यथा कर्नाटक हाई कोर्ट हमेशा बड़े पैमाने पर जनता के साथ-साथ वकीलों के लिए बेहतर सेवाओं के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के पक्ष में था, लेकिन जो हालात हम देख रहे हैं, उसको देखते हुए हमें यह निर्णय लेना होगा।”
High Court Suspends Videoconference Facility: हाईकोर्ट ने 2021 में ट्रायल के आधार पर अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग शुरू किया था
हाईकोर्ट ने 2021 में ट्रायल के आधार पर अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग शुरू की थी। पहला लाइव-स्ट्रीम 31 मई को कर्नाटक हाईकोर्ट के आधिकारिक यूट्यूब पेज पर उपलब्ध कराया गया। हाई कोर्ट ने 2022 में कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग और रिकॉर्डिंग पर कर्नाटक नियमों को अधिसूचित किया था, जो 1 जनवरी, 2022 से लागू हुआ।
अब कर्नाटक हाईकोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान हैकर्स ने अश्लील वीडियो चला दिया। जिसके बाद वहां पर मौजूद लोगों के होश उड़ गए। इस घटना के बाद कोर्ट ने कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग को निलंबित कर दिया है, घटना के बाद साइबर क्राइम सेल ने मामला दर्ज कर लिया है,और सेंट्रल डिवीजन जांच में जुट गई है।
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बता दे, 26 सितंबर 2018 की एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने अहम अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण की अनुमति प्रदान की थी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश देते हुए कहा कि इस प्रक्रिया की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट से होगी। कोर्ट के आदेश देते हुए कहा था, कि लाइव स्ट्रीमिंग के आदेश से अदालत की कार्यवाही में पारदर्शिता आएगी और यह लोकहित में होगा।