Prosus Slashes BYJU’S Valuation To $3 Billion: पहले से ही तमाम मुसीबतों में घिरे भारतीय एडटेक स्टार्टअप BYJU’S को बुधवार (29 नवंबर) को एक और बड़ा झटका लगा। असल में दिग्गज निवेश फर्म Prosus से BYJU’S के मूल्यांकन (वैल्यूएशन) में भारी कटौती करते हुए, इसे $3 बिलियन से भी कम कर दिया है।
याद दिला दें, आखिरी बार BYJU’S की वैल्यूएशन अक्टूबर 2022 में आँकी गई थी, जो $22 बिलियन तक थी। ऐसे में यह एक भारी गिरावट कही जा सकती है। वैसे यह दूसरी बार है जब Prosus ने इस एडटेक स्टार्टअप की वैल्यूएशन घटाई है। पिछले साल नवंबर के आसपास नीदरलैंड आधारित इस निवेशकि फर्म ने BYJU’S की वैल्यूएशन को $5.9 बिलियन तक घटा दिया था।
यह इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि Prosus Ventures फिलहाल BYJU’S के शीर्ष निवेशकों में शामिल है और एडटेक स्टार्टअप में लगभग 9.6% की हिस्सेदारी रखता है।
फिलहाल BYJU’S की वैल्यूएशन को $3 बिलियन से भी कम करने का ऐलान कंपनी ने अपनी राजस्व कमाई रिपोर्ट को पेश करते हुए किया। इस दौरान कंपनी के अंतरिम मुख्य कार्यकारी एर्विन तू (Ervin Tu) ने कहा।
“वर्तमान में BYJU’S को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, और हम व अन्य निवेशक बेंगलुरु आधारित इस स्टार्टअप की रिकवरी में मदद का प्रयास कर रहे हैं।”
बताते चलें मई 2023 में एक और अहम निवेशक Blackrock ने भी BYJU’S की वैल्यूएशन को घटाकर $8.3 बिलियन कर दिया था।
BYJU’S के सामने चुनौतियाँ
BYJU’S की वैल्यूएशन में यह कटौती ऐसे वक्त में की गई है जब स्टार्टअप अपने परिचालन के पुनर्गठन और लागत में कमी करने के आक्रामक प्रयास कर रहा है। इसके पहले जून में ही ऑडिटर डेलॉइट (Deloitte) और तीन प्रमुख बोर्ड सदस्यों द्वारा कंपनी का साथ छोड़ने के बाद, अक्टूबर के अंत में ही सीएफओ अजय गोयल ने भी सात महीने के भीर ही अपने पद से इस्तीफा देते हुए वापस वेदांता का हाथ थाम लिया।
इतना ही नहीं बल्कि हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) उल्लंघन मामले में इस एडटेक स्टार्टअप पर मालिकाना हक रखने वाली कंपनी ‘थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड’ को कारण बताओ नोटिस भेजे जाने की भी खबर सामने आई थी।
BYJU’S To Raise Funds?
इस बीच इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया कि कथित रूप से BYJU’S आने वाले महीनों में अपने ऑपरेशन को वित्तपोषित करने इरादे से मौजूदा निवेशकों के जरिए तत्काल $120-$130 मिलियन की फंडिंग जुटाने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कंपनी के सह-संस्थापक रवींद्रन व्यक्तिगत रूप से भी कंपनी को वित्तीय समर्थन प्रदान करने पर विचार कर रहे हैं।
हाल में ही कुछ रिपोर्ट्स में यह बताया गया था कि कंपनी ने पिछले कुछ समय में हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकालते हुए, अपनी मासिक परिचालन लागत दर को घटाकर $5-$7 मिलियन कर दिया है।