संपादक, न्यूज़NORTH
Deepfake Issue In India: डीपफेक का मुद्दा फिलहाल भारत में जोर पकड़ता जा रहा है और सरकार भी इसके खतरों को देखते हुए गंभीर नजर आ रही है। इसी कड़ी में अब केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए डीपफेक के मुद्दे पर ‘जीरो टॉलरेंस की नीति’ के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है। इस संबंध में केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार (24 नवंबर) को कुछ अहम ऐलान किए।
डीपफेक के मसले पर आज जारी किए गए अपने बयान में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि आज (शुक्रवार) को इंटरनेट कंपनियों और सोशल मीडिया मध्यस्थों के साथ एक लंबी बैठक की गई, जिसमें इससे जुड़े विषयों पर भी चर्चा हुई।
अपने बयान में केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अक्टूबर 2022 से ही भारत सरकार लगातार सोशल मीडिया व संबंधित इंटरनेट कंपनियों को गलत सूचनाओं व डीपफेक के खतरों को लेकर अलर्ट करती रही है।
सोशल मीडिया कंपनियों के लिए 7 दिन का समय
यह भी जानकारी सामने आई है कि डीपफेक मुद्दे को लेकर भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को सात दिन का समय दिया है, ताकि वह इस समय सीमा के भीतर डीपफेक को लेकर अपनी सेवा शर्तों को नई आईटी पॉलिसी के मुताबिक अपडेट कर लें।
Deepfake Issue In India: स्पेशल ऑफिसर होंगे तैनात
सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी है कि वह डीपफेक के गलत इस्तेमाल के ख़िलाफ सख्ती से निपटने की तैयारी में है। केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक, सरकार इस संबंध में एक वेबसाइट तैयार करने की भी योजना बना रही है, जिसके जरिए लोग डीपफेक संबंधित मामलों को लेकर एफआईआर दर्ज करा सकेंगे।
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इतना ही नहीं बल्कि ऐसे मामलों की जाँच के लिए सरकार एक स्पेशल ऑफिसर की भी नियुक्ति करेगी, जो तय कानूनी नियमों के दायरे में शिकायतों की गहन जाँच करेगा और उनके निवारण का प्रयास करेगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बैठक के बाद चंद्रशेखर ने कहा, कि अगर सोशल मीडिया कंपनियाँ ‘डीपफेक कंटेंट’ कहाँ से आया या ‘किसके द्वारा साझा किया गया’ आदि जानकारियाँ नहीं प्रदान करतीं, तो उनके ख़िलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
#WATCH | On Deep fake issue, MoS Electronics & Technology Rajeev Chandrasekhar says, "Today we had a very longish meeting with all of the important players on the Internet, the Internet intermediaries. And we have raised the issue of Deep Fakes with them… I reminded them that… pic.twitter.com/m8UHlVwXRI
— ANI (@ANI) November 24, 2023
याद दिला दें (7 नवंबर, 2023 को केंद्र सरकार ने ‘डीपफेक कंटेंट’ को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों/मध्यस्थों के लिए एक एजवाइजरी जारी की थी। इस एजवाइजरी के तहत मुख्यतः सोशल मीडिया कंपनियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है कि गलत सूचनाओं और डीपफेक कंटेंट की पहचान करने के लिए पर्याप्त परिश्रम व प्रयास किए जाएँ।
इसमें यह नियम भी शामिल था कि सोशल मीडिया कंपनियों/मध्यस्थों को उपयोगकर्ता या सरकारी संस्थान व प्राधिकारी से गलत सूचना या डीपफेक कंटेंट आदि को लेकर रिपोर्ट प्राप्त होने के 36 घंटों के भीतर उसे हटाना होगा। असल में यह समय सीमा आईटी नियम 2021 के तहत निर्धारित की गई है। बता दें, डीपफेक कंटेंट बनाने और उनका प्रसार करने पर पहले ही ₹1 लाख तक का जुर्माना और तीन साल की जेल जैसी सजा के प्रावधान की बात सामने आ चुकी हैं।
हाल में साउथ अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो वायरल होने के बाद से ही यह विषय काफी चर्चा में आ गया था। इसके बाद सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर की डीपफेक फोटो पर टिप्पणी आदि भी सामने आई। इसके पहले खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीपफेक को लेकर देशवासियों को आगाह करते हुए कहा था कि यह बहुत ही खतरनाक है।